अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा 6 करोड़ का ट्रैफिक प्लान
शहर का हर बड़ा चौराहा जकड़ा पड़ा है जाम से
ढाई किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रेंग रहे हैं वाहनMeerut। शहर की सड़कों पर एक से एक महंगा वाहन औसतन ढाई किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रेंग रहा है। कारण, शहर का हर बड़ा चौराहा जाम से जकड़ा हुआ है। माल रोड, बिजली बंबा बाईपास और एनएच हाइवे पर रोज ही जाम लग रहा है। इसके बावजूद एमडीए, नगर निगम, प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और एनएचआई समेत किसी भी महकमे में अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी के प्लान पर काम तो दूर इससे पढ़ा तक नहीं। पूरी जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस पर डाल दी गई। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आया छह करोड़ का प्लान ढेर हो गया। वहीं, एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेई का कहना है कि शहर में चौराहों की डिजाइनिंग व शहर में फुटपाथ बनाने के लिए शासन से मांग की जा रही है। अगर यह बन जाए तो शहर में जाम की समस्या समाप्त हो सकती है।
रिपोर्ट पर नहीं दिया ध्यानप्रदेश सरकार ने मेरठ, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, मथुरा और आगरा के ट्रैफिक सिस्टम पर अध्ययन का ठेका अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी को दिया था। कंपनी ने अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया। कंपनी की रिपोर्ट बताती है कि पुराने शहर में ट्रैफिक का दम घुट रहा है, यहां वाहन रेंगते है। घंटाघर, वैली बाजार, सर्राफा बाजार, सुभाष बाजार, खंदक बाजार, बुढ़ाना गेट, शारदा रोड, भूमिया के पुल में सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति है। यहां पर दोपहिया या चौपहिया वाहनों को रेंगते हुए देखे जा सकते है।
करोड़ों का प्लान ढेर अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी की रिपोर्ट पर जाम से छुटकारे के लिए सरकार की तरफ से ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आया छह करोड़ का प्लान ढेर हो गया। शहर में तीन चरणों में ट्रैफिक मैनेजमेंट पर साढ़े छह करोड़ रुपये खर्च होने थे, लेकिन वह अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गए। तीन चरणों में पूरा प्लान पहले चरण में शहर के चौराहों की डिजाइनिंग व सौंदर्यीकरण, सिग्नल लाइटों की मरम्मत करानी थी। दूसरे चरण में फुटपाथ बनाने थे। इसके साथ तीसरे चरण में साइकिल ट्रैक बनाना था लेकिन एक भी चरण का काम शुरू नहीं हो सका। यह है मेरठ की स्थिति 68.5 किलोमीटर सड़क पर ही हैं डिवाइडर। 232 किलोमीटर है सड़कों की कुल लंबाई। 94 फीसदी सड़कों पर नहीं हैं फुटपाथ। हर घंटे गुजरते है वाहन बेगमपुल - 7061 ईव्ज चौराहा - 6119 हापुड़ अड्डा - 5323मेट्रो प्लाजा - 6236
घंटाघर - 4625 यह है जाम के कारण ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर किया जाए। शहर के अंदर मौजूद बस अड्डों को अन्य किसी खुले स्थान पर ट्रांसफर किया जाए। 160 किमी सड़कों पर फुटपाथ बनाया जाएं। 42 किलोमीटर लंबा साइकिल ट्रैक बनाया जाए। यह है शहर की स्थिति 5.9 किमी है शहर में औसत यात्रा