अभी छत्‍तीसगढ़ में नसंबदी श‍िव‍िर में लापरवाही से कई महि‍लाओं की मौत का हादसे का दर्द कम नही हुआ था क‍ि फि‍र एक चिकित्सा शिविर में लापरवाही सामने आई है.गुरदासपुर में एक समाजसेवी संस्था द्वारा आयोजित आंखों के चिकित्सा शिविर में कम से कम 60 लोगों की आंखों की रोशनी कम हो गई. जि‍समें 16 लोग पूरी तरह से नेत्रहीन हो गए.चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है.इनमें से 16 लोग अमृतसर के गांवों के हैं और शेष गुरदासपुर के रहने वाले हैं. इन सभी मरीजों को शहर के आंखनाक व गला अस्पताल में भर्ती किया गया है.

जांच के दिए गए आदेश
अमृतसर के उपायुक्त रवि भगत ने इस बात की पुष्टि की है. इनमें से 16 लोगों का सहायक प्रोफेसर कर्मजीत सिंह की देखरेख में इलाज चल रहा है. सिंह ने कहा कि इन मरीजों की आंखों की रोशनी स्थायी रूप से चली गई है और वे कभी भी देख नहीं सकेंगे. उपायुक्त भगत ने बताया कि इस मामले की जांच के सिविल सर्जन को आदेश दे दिए गए हैं. उनसे सोमवार तक रिपोर्ट मांगी गई है.सिविल सर्जन ने प्रतिनिधिमंडल के साथ गए 16 पीडि़तों को अमृतसर में ईएनटी अस्पताल में दाखिल करवाया दिया है.

नहीं ली गई थी परमीशन
सिविल सर्जन राजीव भल्ला ने बताया कि गत दिनों गुरदासपुर के घुमाण गांव में एक एनजीओ की तरफ से लगाए गए शिविर में इन मरीजों का इलाज किया गया था.ये सभी मरीज अमृतसर जिले के हैं.सिविल सर्जन रवि भल्ला ने बताया कि उच्च स्तरीय जांच में उन डाक्टरों की पहचान की जाएगी जिन्होंने कैंप में आपरेशन किया था.अमृतसर के सिविल सर्जन ने बताया कि आपरेशन दस दिन पहले किया गया था और मामला उस समय प्रकाश में आया जब अमृतसर के 16 मरीजों ने उपायुक्त भगत से शिकायत की.सिविल सर्जन ने बताया कि इस तरह के कैंप लगाने के लिए जिला प्रशासन और सिविल सर्जन से अनुमति लेना अनिवार्य होता है किंतु इस मामले में इस कानून का पालन नहीं किया गया.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh