बॉलीवुड सुपरस्‍टार राजकपूर और गायक मुकेश का याराना कुछ ऐसा था कि दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे थे। दोनों की इंटरनल बॉंडिग बहुत मजबूत थी। शायद यही वजह थी कि मुकेश की मौत के बाद राज कपूर अंदर से टूट गए थे। राजकपूर की कई फिल्‍मों में मुकेश ने अपनी आवाज दी जिसका जादू आज भी लोगों के सिर पर चढ़ कर बोल रहा है। हम आप को राजकपूर और मुकेश के 7 ऐसे सॉन्‍ग सुनाने जा रहे हैं जो आज भी लोगों की जुबां पर हैं।


2- दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा, संगम 1964 अपने समय की यह सबसे बोल्ड फिल्म थी। संगम की कहानी एक लव ट्रेंगल पर आधारित थी। शक और अविश्वास पर कहानी रची गई थी। फिल्म में राजेन्द्र कुमार और वैजंतीमाला जैसे अदाकार थे। इस गाने में आप को रियल फील मिलेगी। गाने को ध्यान से सुनने पर आप को वो दर्द महसूस होगा। गाने में गिटार और वाइलन का बहुत शानदार तरीके से इस्तेमाल गिया गया है। 4- किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, अनाड़ी 1959


1959 में बनी फिल्म अनाड़ी का यह गाना लॉन्च होते ही सभी की जुबां पर आ गया। बॉलीवुड में कोई ऐसा नहीं है जो अनाड़ी में राज कपूर और नूतन के अभिनय के पास भी पहुंच सके। फिल्म का म्यूजिक शंकर जयकिसन और हर्षत जयपुरी ने दिया था। फिल्म में राज कपूर के शानदार अभिनय ने लोगों की आंखे नम कर दी थीं।6- जाने कहां गए वो दिन, मेरा नाम जोकर 1970  

बॉलीवुड की पहली मल्टी स्टारर फिल्म मेरा नाम जोकर राज कपूर का बहुत खास प्रॉजेक्ट था। यह राज कपूर की सबसे उम्दा फिल्मों में से एक फिल्म मानी जाती है। इस प्रॉजेक्ट के लिए पैसों की कमी के चलते राज कपूर ने चैम्बेर का आरके स्टूडियो भी गिरवी रख दिया था। लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो फिल्म ने दुनिया भर में प्रशंसा बटोरी। फिल्म जगत में राज कपूर को मास्ट शौमैन के नाम से जाना जाने लगा। 7- मै आशिक हूं बहारों का, आशिक 1962 1962 के दशक में बनी इस फिल्म ने लोगों के दिलों पर राज कपूर की ऐसी छाप छोड़ी जिसे मिटा पाना किसी के बस की बात नहीं है। इस फिल्म में राज कपूर ने नंदा के साथ स्क्रीन शेयर की। फिल्म का संगीत शंकर जयकिसन ने दिया था। राज कपूर ने एक क्लैपर ब्याय के तौर पर 1943 में अपने करियर की शुरुआत की थी। राज कपूर इस देश के सबसे उम्दा एक्टर और डॉयरेक्टर थे।

Posted By: Prabha Punj Mishra