RANCHI: राजधानी के राहे स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम से भागे सात बच्चों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दरअसल, मंगलवार रात (18 जून) को आश्रम से सात बच्चे भागे थे। जिन्हें बुधवार (19 जून) को बाल कल्याण समिति रांची के सामने पेश किया गया। ये सभी बच्चे 6-9 वर्ष के हैं, और सभी रांची से सटे खूंटी जिले के रहनेवाले हैं। ज्ञात हो कि इन्हें पढ़ाई के नाम पर आश्रम में रखा गया था। लेकिन इन बच्चों ने जो खुलासा किया है, उससे आश्रम की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

पढ़ाई नहीं, कराते हैं काम

बुधवार को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश करने के बाद इन बच्चों की काउंसेलिंग हुई। इसमें बच्चों ने खुलासा किया कि उन्हें पढ़ाने के नाम पर आश्रम ले जाया गया था। लेकिन पढ़ाई न कराकर आश्रम के काम करवाये जाते थे। बच्चों से कृषि संबंधी कार्य कराये जाते थे। इतना ही नहीं, उन्हें सही तरीके से खाना भी नहीं दिया जाता था और बहुत मारपीट की जाती थी। जिससे परेशान होकर सभी बच्चे एक साथ वहां से भाग गए।

एक अक्षर का ज्ञान नहीं

काउंसलिंग के दौरान ये भी ज्ञात हुआ कि बच्चों को बहला-फुसला कर एजेंट किस्म के लोग पढ़ाने के नाम पर ले गए थे। आश्रम में बच्चों को पढ़ाई के नाम पर रखा गया था, इसके बावजूद बच्चे ठीक से हिंदी तक नहीं बोल पाते हैं। पढ़ने वाले बच्चे होकर उन्हें एक भी अक्षर ज्ञान नहीं है। पूछताछ में पता चला कि आश्रम में 55 गरीब-असहाय बच्चे पढ़ाई करते हैं। सभी को नि:शुल्क आवासीय व्यवस्था के साथ आश्रम समिति पढ़ाई की व्यवस्था करती है।

मामला संगीन है: सीडब्ल्यूसी

इधर पूरे मामला का खुलासा होने पर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी सकते में हैं। बाल कल्याण समिति के सदस्य श्रीकांत कुमार ने कहा कि मामला काफी संगीन है। पूछताछ में पता चला है कि बच्चों के साथ मारपीट होती थी। खाना नहीं दिया जाता था। सभी बच्चे खूंटी के हैं। पढ़ाई के नाम पर ले जाकर इनसे काम करवाया जाता था

Posted By: Inextlive