पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से क़रीब तीन सौ किलोमीटर दूर पटियाली के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस ट्रेन एक बिना चौकीदार वाले रेल फाटक पर बारातियों से ठसाठस भरी बस से टकरा गई.

ट्रेन छपरा से मथुरा जा रही थी, जबकि बस पटियाली के पास अडूपूरा ग्राम से बारात वापस ला रही थी। कांशीराम नगर ज़िले में रात क़रीब दो बजे यह दुर्घटना हुई।

एक स्थानीय पत्रकार के अनुसार ट्रेन यात्रियों से भरी बस को करीब पांच सौ मीटर तक खींच ले गई। बस के ऊपर बैठे लोग दूर छिटक कर घायल हो गए , जबकि बस के अंदर बैठे लोगों के चीथड़े उड़ गए। स्थानीय मजिस्ट्रेट उदय राज के मुताबिक़ क़रीब 70 लोगों के मरने की सूचना है।

लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बीबीसी हिंदी को कहा कि अभी तक मरने वालो की संख्या 33 और घायलो की संख्या 17 है। घायलों को ज़िला अस्पताल में पंहुचा दिया गया है। रेलवे ने इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।

एटा के मुख्य चिकिस्ता अधिकारी आरसी पांडे ने बताया कि दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को इलाज के लिए आगरा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 30 घायल ज़िला अस्पताल आए हैं। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए लाये जा रहे हैं।

मुआवज़ा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना पर अफ़सोस जताया। उन्होंने मरनेवालों के परिजनों के लिए दो लाख और घायलो के लिए पचास हज़ार रूपए मुआवज़े की घोषणा भी की है। मनमोहन सिंह फ़िलहाल रेल मंत्रालय के भी प्रभारी हैं।

दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन अपने गंतव्य के लिए निकल चुकी है और पटरी पर सामान्य रूप से गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है। घटना स्थल पर रेलवे की रिलीफ वैन आ गई है। संभावना है कि रेल इंजन के भीतर भी कुछ शव फंसे हो। उन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है

घायल बाराती कप्तान सिंह का कहना है कि मौक़े पर बहुत सी लाशें पड़ी हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हुए हैं।

ज़िला पुलिस अधीक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव ने बीबीसी को बताया कि 26-27 लाशें निकाली जा चुकी हैं। अधिकारियों के मुताबिक़ रेल यात्रियों में से कोई हताहत नहीं हुआ है।

Posted By: Inextlive