राज्य के 70 हजार शिक्षकों की नौकरी पर लटक रही तलवार
RANCHI: स्टेट के सरकारी स्कूलों में 70,175 शिक्षक अनट्रेंड पाए गए हैं। राजधानी के भी 7708 शिक्षक अनट्रेंड हैं और इनपर अयोग्य घोषित होने की तलवार लटक रही है। सरकार के लिए सिर दर्द बन रहे इस मामले को लेकर एनआईओएस के तहत ट्रेनिंग पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है। ये सभी साल 2019 से स्कूलों में पठन-पाठन के लिए अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं। अनट्रेंड शिक्षकों में सबसे अधिक गिरिडीह, रांची और हजारीबाग के शिक्षक हैं। गिरिडीह में 9124, रांची में 7708 और हजारीबाग में 6574 शिक्षक अनट्रेंड हैं। राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इस साल के आखिर तक ट्रेनिंग पूरा करने का निर्देश दिया है।
एनआईओएस के तहत ट्रेनिंग जरूरीसर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को एनआईओएस के तहत ट्रेनिंग पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है। इस निर्देश में कहा गया है कि 2019 से सरकारी स्कूलों में अनट्रेंड शिक्षकों को स्कूल के पठन-पाठन प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा। ऐसे में झारखंड के सरकारी स्कूलों में करीब 70,175 टीचर्स पढ़ाई से दूर कर दिए जाएंगे।
ट्रेनिंग की कवायद शुरूझारखंड राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा इन शिक्षकों को ट्रेंड करने की कवायद पिछले तीन सालों से चल रही है, लेकिन परियोजना के प्रशिक्षिण में कमी एवं एनआईओएस परीक्षा में शिक्षकों का बेहतर प्रदर्शन न होने के कारण बड़ी संख्या में राज्य के स्कूली शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा नहीं हो सका है। शिक्षकों की मानें तो स्कूल के पठन-पाठन के अलावा कई कायरें में शिक्षा विभाग द्वारा इतना व्यस्त रखा जाता है कि उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाता है।
इन जिलों में हैं अनट्रेंड शिक्षक गिरिडीह 9124 रांची 7708 हजारीबाग 6574 पश्चिमी सिंहभूम 1456 पूर्वी सिंहभूम 2258 बोकारो 3903 चतरा 3189 देवघर 2281 धनबाद 4965 दुमका 2106 गढ़वा 2313 गोड्डा 1282 गुमला 2065 जामताड़ा 915 खूंटी 1094 कोडरमा 2600 लातेहार 1555 लोहरदगा 1435 पाकुड़ 991 पलामू 5536 रामगढ़ 2546 साहेबगंज 1679 सरायकेला-खरसावां 1496 सिमडेगा 804 वर्जन राज्य में 70,175 शिक्षक अभी भी अनट्रेंड हैं.इसके लिए विभाग की ओर एनआईओएस के तहत डीएलएड कोर्स कराया जा रहा है। जो अनट्रेंड हैं उनके लिए विशेष परीक्षा का आयोजन एनआईओएस के तहत किया जा रहा है ताकि 2019 तक सभी शिक्षकों को ट्रेंड किया जा सके। एपी सिंह शिक्षा सचिव