1 लाख सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों की पेंशन नीति बदलेगी

2 लाख वित्तविहीन शिक्षकों को नियमित करने का आश्वासन

1.70 लाख शिक्षामित्रों, शिक्षाप्रेरकों और अनुदेशकों को राहत

Meerut। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े करीब 8.50 लाख शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, शिक्षामित्रों आदि को उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा शनिवार को फीलगुड करा गए। शासन की नई नीतियों की जानकारी देते हुए उन्होंने घोषणा की कि शिक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन किए गए हैं और होते रहेंगे।

पिछली सरकारों ने पिछाड़ा

शर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए नियमों के साथ छेड़छाड़ कर नियुक्तियां कीं, विभिन्न न्यायालय ने इन नियुक्तियों को अवैध ठहराया और प्रशिक्षित बेरोजगारों की बड़ी संख्या सूबे में हो गई। फिलहाल सरकार समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रही है।

नियमित होंगे वित्तविहीन

मेरठ में एनएएस डिग्री कॉलेज में आयोजित माध्यमिक शिक्षक संघ के ग्रीष्मकालीन अधिवेशन और सीसीएसयू में आयोजित वित्तविहीन शिक्षक संघ के कार्यक्रम के मंच से डिप्टी सीएम ने सूबे के 2 लाख वित्तविहीन शिक्षकों को जल्द ही परमानेंट करने के लिए प्रक्रिया आरंभ करने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ा रहे सूबे के करीब 1 लाख शिक्षकों की पेंशन विसंगतियों को भी जल्द ही दूर किया जाएगा।

शिक्षामित्रों का भी ख्याल

माध्यमिक शिक्षा मंत्रालय भी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ने एनएएस कॉलेज में शिक्षकों के अधिवेशन में कहा कि बेशक यह उनके विभाग का मामला नहीं है किंतु 1.70 लाख शिक्षामित्रों के हितों के बारे में सरकार सोच रही है, 2 लाख बीएड टेट नौजवान भर्ती के लिए भटक रहा है। करीब 1.50 लाख शिक्षाप्रेरकों और अनुदेशकों के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि 'किसी को नौकरी से बाहर निकाला जाए, जिससे बखेड़ा हो.' बीच का रास्ता अवश्य निकलेगा।

फीलगुड करा गए 'सरकार'

2 लाख-वित्तविहीन तदर्थ शिक्षकों को किया जाएगा नियमित।

1 लाख-सहायता प्राप्त शिक्षकों की पेंशन संबंधी समस्या होगी निस्तारित।

1.70 लाख-शिक्षामित्रों के हितों को सुरक्षित कर रही सरकार।

1.50 लाख-शिक्षाप्रेरक और अनुदेशकों पर भी विचार।

2 लाख-बीएड टेट बेरोजगारों को नौकरी देगी सरकार।

30 हजार-शिक्षकों को राजकीय एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में मिली नियुक्ति।

Posted By: Inextlive