110 वार्ड नगर निगम क्षेत्र में

8 जोन नगर निगम के पूरे शहर में

5 लाख 40 हजार हाउस टैक्स पेयर्स

2 लाख 20 हजार ही हर साल भरते हैं टैक्स

700-800 करोड़ रुपये हाउस टैक्स का बकाया

350 करोड़ सरकारी कार्यालयों पर बाकी

300 करोड़ के आसपास आम जनता पर बाकी

150 करोड़ के आसपास कॉमर्शियल सेक्टर पर बाकी

- सरकारी कार्यालयों से लेकर आम जनता पर भारी भरकम टैक्स बाकी

- निगम के सामने टैक्स जमा कराना बना चुनौती, सीलिंग की कार्रवाई जारी

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW

अगर नगर निगम की ओर से शत प्रतिशत हाउस टैक्स की वसूली कर ली जाए, तो शहर में एक नई कॉलोनी स्मार्ट तरीके से विकसित की जा सकती है। यह सुनकर हैरानी होगी लेकिन हकीकत यही है। इसकी वजह यह है कि नगर निगम को सरकारी कार्यालयों से लेकर आम जनता से करीब 700 से 800 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा कराने हैं। हालांकि पहले तो यह आंकड़ा करीब 1400 करोड़ के आसपास था लेकिन आंकड़े संशोधित करने के बाद सही तस्वीर 700 से 800 करोड़ रुपये बकाए के रूप में सामने आई है।

350 करोड़ बाकी

जानकारी के अनुसार, शहर के सरकारी कार्यालयों की बात की जाए तो इन पर टैक्स के रूप में 350 करोड़ रुपये बाकी हैं। मतलब कुल बकाए टैक्स का पचास फीसद। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के विकास में कहीं न कहीं सरकारी कार्यालय भी टैक्स न जमा करके रोड़ा बनते नजर आ रहे हैं। निगम की ओर से अब इन सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि पहले भी कई बार नोटिस जारी की गई हैं लेकिन कोई खास रिस्पांस सामने नहीं आया।

250-300 करोड़ जनता पर

अब अगर शहर की जनता की बात की जाए तो दो लाख से अधिक लोगों पर 250 से 300 करोड़ के बीच हाउस टैक्स बाकी है। यह टैक्स एक या दो साल का नहीं बल्कि दस से पंद्रह सालों का है। यह जानकारी भी सामने आई है कि हर साल कुल पांच लाख हाउस टैक्स बकाएदारों में सिर्फ दो से ढाई लाख लोग ही हाउस टैक्स जमा करते हैं।

छूट के बाद भी असर नहीं

हैरानी की बात तो यह है कि हाउस टैक्स जमा कराने के लिए निगम की ओर से समय-समय पर छूट भी दी जाती है लेकिन कोई असर इसका नहीं दिखता। इस समय भी निगम की ओर से करीब दस प्रतिशत की छूट दी जा रही है लेकिन बीस फीसदी बकाएदारों ने भी हाउस टैक्स जमा नहीं कराया है। जिससे निगम के अधिकारी परेशान हैं और हाउस टैक्स जमा कराने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने में लग गए हैं।

150 करोड़ कॉमर्शियल सेक्टर पर

अगर कॉमर्शियल सेक्टर की बात की जाए तो इस सेक्टर पर 150 करोड़ रुपये टैक्स बाकी हैं। इसमें पेट्रोल पंप, शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, बाजार आदि शामिल हैं। इसी कड़ी में हाल में ही गुरुनानक मार्केट के 196 दुकानदारों को नोटिस भी जारी किया गया है। दुकानदारों को 15 दिन का समय दिया गया है, अगर इस समयावधि में टैक्स जमा नहीं होता है तो दुकानों को सील किया जाएगा।

निगम भी कम जिम्मेदार नहीं

हाउस टैक्स के बकाए का आंकड़ा 700 से 800 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है। अब निगम की ओर से टैक्स वसूलने की कवायद शुरू की गई है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पिछले आठ से दस सालों में निगम की ओर से टैक्स वसूलने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे बकाये का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच गया। निगम की ओर से सिर्फ नोटिस जारी की गई लेकिन जमीन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

90 हजार घर छूटे

यह जानकारी भी सामने आई है कि टैक्स असेसमेंट से करीब 90 हजार घर छूटे हुए हैं। ऐसे में निगम को राजस्व का नुकसान होना तय है। इसे ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि हर हालत में सभी राजस्व निरीक्षक 90 हजार घरों का टैक्स असेसमेंट कर लें साथ ही इस बाबत प्रमाण पत्र भी दें।

नगर निगम को करीब 700 से 800 करोड़ रुपये हाउस टैक्स के रूप में वसूलने हैं। निश्चित रूप से यह बड़ा ग्राफ है। हाउस टैक्स की वसूली के लिए कई चरणों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive