A dangerous ' time-pass'
Lucknow: सीन-1
9 मई 2012, समय-दोपहर 12.30 बजे
फायर हेल्पलाइन पर 9807877264 नम्बर से कॉल आई। टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात फायरमैन मनोज कुमार ने कॉल रिसीव की। दूसरी तरफ से बोल रहे शख्स ने मनोज से कहा कि बशीरतगंज में सेक्स रैकेट चल रहा है। इसे तुरन्त रोका जाये। मनोज ने बताया कि ये फायर हेल्पलाइन है। पर, शख्स कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुआ। आखिरकार हारकर मनोज ने फोन का रिसीवर रख दिया।
सीन-2
9 मई 2012, समय-दोपहर 2.19 बजे
मोबाइल नंबर 7388904383 से फायर हेल्पलाइन पर कॉल आई। फायरमैन मनोज ने कॉल रिसीव की। दूसरी ओर से बोल रहे शख्स ने मनोज से कहा कि लुक्का से बात कराओ। मनोज ने बताया कि यह फायर हेल्पलाइन है। यह सुनते ही वह शख्स भद्दी-भद्दी गालियां बकने लगा। मनोज ने उसे बताया कि उसकी इस हरकत पर कार्रवाई हो सकती है, लेकिन उस शख्स ने गाली देने का सिलसिला जारी रखा। आखिरकार इस बार भी मनोज ने फोन को रखना पड़ा।
सीन-3
9 मई 2012, समय- दोपहर 2.37 बजे
मोबाइल नंबर 9598325373 से फायर हेल्पलाइन पर कॉल आई। फायरमैन मनोज ने कॉल रिसीव की। दूसरी ओर से 15-16 साल का लड़का बोल रहा था। मनोज ने उससे पूछा कि आग कहां लगी है तो सामने से जवाब की जगह सवाल से ही उसका सामना हुआ। दरअसल, कॉलर मनोज से फाइलेरिया की दवा पूछ रहा था। मनोज ने उसे बताया कि यह फायर हेल्पलाइन है, दवा की जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें, लेकिन वह लगातार दवा ही पूछता रहा। मनोज ने फिर से फोन रख दिया।
यह तो सिर्फ बानगी भर है। रिपोर्टर ने बुधवार दोपहर फायर कन्ट्रोल रूम में केवल दो घंटे बिताये। इस दौरान ही हेल्पलाइन पर करीब 60-70 कॉल्स आईं। पर, इसमें से दो कॉल्स ही आग की इन्फॉर्मेशन देने के लिए की गईं थीं। बाकी सभी कॉल्स फेक थीं जिसमें से किसी कॉल पर कॉलर गाना सुना रहा था तो कोई कॉल बच्चे ने की थी और वह पोयम सुना रहा था। इसके अलावा गालियां देने वाले, दवा पूछने वालों और रिचार्ज की गुजारिश करने वालों की भी कोई कमी नहीं थी।
हेल्पलाइन रहती है इंगेज
हजरतगंज फायर स्टेशन में फायर कन्ट्रोल रूम भी है। यहां पर फायर हेल्पलाइन 101 से जुड़े दो लैन्डलाइन फोन हैं। शहर के किसी कोने से फायर हेल्पलाइन पर मिलाई जाने वाली कॉल इसी कन्ट्रोल रूम को ट्रांसफर होती है। पर, मस्ती के लिये की जाने वाली कॉल्स लगातार हेल्पलाइन को इंगेज रखती हैं। मसखरों की इस हरकत से लगातार यह डर बना रहता है कि किसी दिन असल में आग की इन्फॉर्मेशन देने में उनकी यह करतूत बाधा न बन जाये।
कार्रवाई न होने से बढ़ रहा है हौसला
दरअसल, फेक कॉल करने वालों पर कोई कड़ी कार्रवाई न होने से इनका हौसला बढ़ता ही जा रहा है और इसी का नतीजा है कि इन फेक कॉल्स की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।
'नागरिकों को जागरूक होना चाहिये कि फायर हेल्पलाइन उनके फायदे के लिये है। इससे इस तरह का मजाक उनके लिये ही नुकसानदेह है। यदि इस प्रकार की शिकायत आयेगी तो फेक कॉल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आशुतोष पाण्डेय
डीआईजी/एसएसपी
लखनऊ
Reported By : Pankaj Awasthi