रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 व 5 के बीच ब्रिज निर्माण की मांग

- ब्रिज के अभाव में रोजाना जान जोखिम में डाल रहे यात्री

Meerut. सिटी रेलवे स्टेशन पर रोहटा क्षेत्र रोजाना आने वाले सैकड़ों यात्री अपनी जान को जोखिम में डालकर रेलवे लाइन क्रास करने को मजबूर हैं. लाइन क्रास करके प्लेटफार्म तक आना इनकी लापरवाही नही है बल्कि मजबूरी है. सिटी रेलवे स्टेशन पर आने के लिए रोहटा निवासियों के लिए फुट ओवर ब्रिज का विकल्प मौजूद नही है इसलिए यह स्टेशन पहुंचने के लिए रोजाना सैकड़ों यात्री अपनी जान जोखिम में डालते हैं.

हादसों का कारण

दरअसल, सिटी रेलवे स्टेशन के पास रोहटा रोड पर घनी आबादी का क्षेत्र है. इनमें से अधिकतर लोग रोजाना रेल के माध्यम से अपने रोजगार पर जाते हैं. लेकिन रोहटा क्षेत्र से सिटी स्टेशन में जाने के लिए नजदीकी मार्ग उपलब्ध नही है. ऐसे में पैदल यात्री रोजाना रेल लाइन क्रास करके सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म तक पहुंचते हैं. इस दौरान पिछले कई साल से रेल लाइन पर होने वाले हादसों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है क्षेत्रीय लोगों की मांग के बाद भी रेलवे का इस ओर ध्यान नही है.

अधर में ब्रिज का प्रस्ताव

इस समस्या के निस्तारण के लिए जन कल्याण वैलफेयर एसोसिएशन द्वारा साल 2015 में प्लेटफार्म नंबर 1 से 2 तक जाने वाले फुट ओवर ब्रिज को प्लेटफार्म नंबर 5 तक बढ़ाने की मांग की गई थी. इस मांग के अनुसार तब इस फुट ओवर ब्रिज के लिए 69 लाख रुपए का प्रस्ताव बनकर भी तैयार हुआ था लेकिन मुख्यालय स्तर पर पिछले पांच साल से यह प्रस्ताव लंबित है.

रोहटा रोड की दीवार बनी प्रवेश द्वार

स्टेशन परिसर में पहुंचने के लिए रोहटा रोड से आने वाले सैकड़ों यात्री रोजाना रेलवे की दीवार पार करके स्टेशन परिसर में दाखिल होते हैं. इसके लिए बकायदा रेलवे की दीवार को तोड़कर रास्ता तक बनाया हुआ है. इससे रेलवे परिसर की सुरक्षा में भी सेंधमारी हो रही है और यात्रियों की जान को खतरा है.

वर्जन-

फुट ओवर ब्रिज के संबंध में डीआरएम और सेक्शन इंजीनियर स्तर पर कई बार बात हो चुकी मुख्यालय से प्रस्ताव भी 2015 में प्राप्त हुआ था लेकिन अ्रभी तक काम नही किया जा रहा है.

- दुष्यंत रोहटा, जन कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष

मामला मुख्यालय स्तर का है मुख्यालय से यदि स्वीकृति मिल गई थी तो इंजीनियरिंग विंग इस काम को देखेगा उसके बाद ब्रिज का काम शुरु होगा.

- आरपी शर्मा, स्टेशन अधीक्षक

Posted By: Lekhchand Singh