- पूर्व डीन ने राज्यपाल से की शिकायत, नये डीन पर लगाए गंभीर आरोप

- जातिगत भावना से प्रेरित होने का आरोप, राजभवन ने वीसी से मांगी रिपोर्ट

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LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू)) में जातिगत भावनाओं को ठेस पहुंचाने का ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने दुनिया भर में मशहूर शिक्षा के इस मंदिर की छवि को धूमिल कर दिया. एलयू के कला एवं शिल्प महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं पूर्व डीन डॉ. रतन कुमार ने राज्यपाल से अपनी शिकायत में नये डीन डॉ. संजीव किशोर गौतम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ज्वाइनिंग से पहले पूरे कमरे को गंगाजल से धुलवा कर शुद्धिकरण कराया. साथ ही जिस कुर्सी पर वे बैठते थे, उसे भी अछूत मानते हुए कमरे से बाहर करवा दिया. अनुसूचित जाति का होने की वजह से उनके साथ यह अशोभनीय कृत्य किया गया है जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. वहीं शिकायत मिलने पर राजभवन ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस पूरे मामले पर जानकारी तलब की है.

पूरे कमरे को गंगाजल से धुलवाया

आ‌र्ट्स कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. रतन कुमार ने राज्यपाल से की गई शिकायत में कहा कि विगत 16 मई को एलयू ने डॉ. संजीव किशोर गौतम को कॉलेज का नया डीन बनाया था. डॉ. रतन कुमार का आरोप है कि जातिगत भावना से ग्रसित होकर डीन ने कार्यभार ग्रहण करने से पहले कमरे को गंगाजल से धुलवाया ताकि उसका शुद्धिकरण हो सके, साथ ही डीन ऑफिस में जिस कुर्सी पर वह बैठते थे, उस कुर्सी पर बैठने से भी उन्होंने मना कर दिया. इतना ही नहीं, चपरासी से कहकर कुर्सी को कमरे से बाहर करवा दिया. डॉ. रतन कुमार ने राज्यपाल की गई शिकायत में कहा है कि वह अनुसूचित जाति वर्ग के शिक्षक हैं. शिक्षा के मंदिर में जातिगत भावना से ग्रसित होकर इस तरह का कार्य करना निदंनीय एवं अशोभनीय है, जिससे उनके और उनके पूरे परिवार को गहरी ठेस पहुंची है. उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए डॉ. संजीव किशोर गौतम को बर्खास्त किया जाए.

राजभवन ने मांगा जवाब

वहीं इस पूरे मामले पर राजभवन के ओर से लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जांच कर पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव ने एलयू वीसी को भेजे गए ऑर्डर में 17 मई के डॉ. रतन कुमार की शिकायत पर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.

Posted By: Kushal Mishra