ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने डेंगू के रोग का निपटारा करने का एक सस्ता और कारगर तरीका खोज निकाला.

वैज्ञानिकों ने डेंगू फैलाने वाले कुछ मच्छरों के अंदर एक खास किस्म का बैक्टीरिया डाल दिया जो की डेंगू के विषाणुओं को फैलने से रोकता है। फिर उन्होंने इन मच्छरों को खुले माहौल में छोड़ दिया।

वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने जिन मच्छरों को छोड़ा उनके प्रजनन से जो मच्छर पैदा हुए उनमे से कोई भी डेंगू फैला सकने में सक्षम नहीं था। शोधकर्ताओं ने जर्नल नेचर में प्रकाशित अपने शोध में आशा जाताई है कि उनके ज़रिये खोजे गए इस तरीके से दुनिया में हर साल उन करोड़ों लोगों को बचाया जा सकेगा जो इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

भीषण बीमारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में मौजूद हर तीसरा आदमी डेंगू के खतरे का सामना कर रहा है। कई मामलों में लाइलाज इस बीमारी से प्रभावित होने वालों की तादाद इस दुनिया में बढ़ती ही जा रही है।

यूँ तो मच्छरों को मारने के लिए रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन मच्छरों में इस तरह के रसायनों के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक ऐसा बैक्टीरिया खोज निकाला है जो केवल कीड़ों को ही प्रभावित करता है। यह बैक्टीरिया डेंगू के विषाणुओं को फैलने से रोक सकता है।

व्यापक प्रयोगप्रयोगशाला में इस ख़ास बैक्टीरिया से लैस कई लाख मच्छरों को उत्तर पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड इलाके में छोड़ा गया। कुछ ही महीनों में इस इलाके में मौजूद सभी मच्छरों के भीतर यह बैक्टीरिया फ़ैल गया और डेंगू का प्रवाह रुक गया।

मोनाश विश्विद्यालय के प्रोफ़ेसर स्कॉट ओ नील का कहना है कि वो इस नए प्रयोग को लेकर आशान्वित हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध के दौरान उन्हें सबसे ज़्यादा कठिनाई उस इलाके के वासियों को मनाने में आई जहाँ यह मच्छर छोड़े गए थे।

वैज्ञानिकों को आशा है कि वो थाईलैंड, वियतनाम, ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे डेंगू मलेरिया से बुरी तरह प्रभावित देशों में में प्रयोग आजमा पाएंगे।

 

Posted By: Inextlive