VARANASI: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी साहब. आपको मेनी-मेनी थैंक्स. आप सोच रहे होंगे किस खुशी में! अजी बिजली कटौती के लिए... ताबड़तोड़ और बेहिसाब बिजली कटौती आज पब्लिक को और सोसाइटी को कितना फायदा पहुंचा रही है भले जनरल पब्लिक न फील करे मगर आई नेक्स्ट ने इसे गहराई से फील किया है. हमारी आज की ये रिपोर्ट पढऩे के बाद बनारस के लोग भी पक्का फील करेंगे कि बिजली कटौती बहुत अच्छी है क्योंकि इसने वो कुछ दिया है जिसे अब लोग मिस करना भी भूल गये हैं... आप भी पढिय़े क्यों थैंकफुल हैं आप अफसरान?


बनारस के लोग आप कितने खुदगर्ज हैं। बिजली विभाग ने कटौती करके आपको जिंदगी जीने का मौका दिया है और आप हैं कि उन्हें थैंक्स तक नहीं कहते। उल्टे जब भी बिजली कटती है तो उन्हें कोसना शुरू कर देते हैं। क्या आप नहीं जानते कि बिजली कटने के कितने फायदे होते हैं? चलिए आज हम ही आपको बताते हैं कि बिजली कटने के कितने फायदे हैं। साथ ही आपको ऐसे लोगों के एक्सपीरियएंस से रूबरू भी कराते हैं जिनकी जिंदगी में बिजली कटौती से चमत्कारिक परिवर्तन आए। हां, शर्त यह है कि इसके बाद आप बिजली विभाग को थैंक्स जरूर कहेंगे। आप बस हमारी आज की रिपोर्ट पढिय़े। आपको लगता है कि हम ठीक कह रहे हैं तो अपना मोबाइल उठाइये और एमडी साहब को एक थैंक यू का एसएमएस जरुर भेजिये.  -9415222222विजय विश्वास पंत, एमडी, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड -9450963505
एसपी त्रिपाठी, स्टाफ ऑफिसर, एमडी ऑफिस चोरों ने नाम में दम कर रखा है। कोई ऐसा घर नहीं जो सेफ हो। एक बार किसी घर पर इनकी नजर पड़ी तो घर में रहने वालों की मेहनत की कमाई ले उड़े। मजबूरी में लोग घर में कुत्ते पालते हैं। चौकीदार तैनात करते हैं। बिजली कटौती ने चोरी का डर खत्म कर दिया है। बिजली कटौती में लोग रातभर जागते रहते हैं। चोरों की हिम्मत ही नहीं होती है कि वह किसी घर में घुस पाएं। अब कुत्ते का काम न चौकीदार की जरूरत। चलो कैसे भी तो मेहनत की की कमाई बची है।

Report By: Devendra Singh


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Health is wealth

सेहत सबसे बड़ी नेमत होती है। इसे हम सब जानते हैं लेकिन सेहत के लिए कुछ करते नहीं हैं। दिन भर कुर्सी तोड़ते हैं। दो कदम चलने के लिए भी गाड़ी चाहिए। मोटापा, शुगर समेत तमाम रोग के शिकार हो रहे हैं। हमें हेल्दी बनाने का जिम्मा ले लिया है इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट ने। वह कभी तपती दोपहरी में तो कभी उमस भरी रात में सप्लाई बंद कर देता है। सुबह शाम की पारम्परिक कटौती तो रहती ही है अलग से। भीषण गर्मी से शरीर से ढेर सारा पसीना निकलता है। जिससे शरीर के सारे विकार बाहर आ जाते हैं। गर्मी से बचने के लिए हाथ पंखे का इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे अच्छी खासी एक्सरसाइज होती है।Man is a social animalसमाज शास्त्र की किताबों में लिखा है कि मैन इस ए सोशल एनिमल। इंसान और जानवर के बीच का फर्क यही होता कि इंसान सोशल होता है। जिंदगी के जद्दोजहद ने हमारी जिंदगी को जानवर से बदतर से बना दिया है। किसी के पास किसी से दो मिनट बात करने की फुर्सत नहीं है। भला हो बिजली विभाग का जिसने हमें फिर से इंसान बना दिया है। अब बिजली कटती है तो कॉलोनी की तमाम लेडीस और जेंट्स पार्क में निकल आते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुख बांटते हैं। कोई बेटी के लिए रिश्ता ढूंढता है तो कोई बेटे के लिए अच्छी कोचिंग का सजेशन मांगता है। इस तरह सभी एक बार फिर से सोशल बन गए हैं। जीना इसी का नाम है
भागम-भाग में जिंदगी कहां छूट गयी किसी को पता नहीं है। इंसान अब मशीन बन चुका है। घर हो या दफ्तर दिन रात काम ही काम। न खाने की फुर्सत न सोने की। शौक पूरे करने के बारे में तो सोचा भी नहीं जा सकता। बिजली कटौती का चमत्कार देखिये। वह इस भागम-भाग पर तत्काल रोक लगा देती है। अब शौक पूरे करने का समय मिल जाता है। कोई गार्डेनिंग कर खुद को सुकून देता है तो कोई पेट्स के साथ खेलकर। स्वीमिंग के स्वीमिंग, चेस, कार्ड और कैरम के शौकीनों को पर्याप्त समय मिल जाता है। कलेजे से लगे कलेजे के टुकड़ेबच्चे पराये हो गए थे। टीवी ने उन्हें फैमिली से छीन लिया था। इन दिनों समर वैकेशन है। बच्चे दिन भर टीवी के सामने चिपके रहते थे। उन्हें रोकने का कोई बहाना भी नहीं था। भला हो बिजली कटौती का बच्चे मां-बाप के पास वापस लौट आए। अब वह अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं। इससे उनकी सेहत अच्छी हो रही है। अपने दादा-दादी के पास बैठ रहे हैं। इससे परिवार का संस्कार सीख रहे हैं। अब मम्मी-पापा उनके अच्छे दोस्तों की लिस्ट में शामिल हो गये हैं.   बस प्यार ही प्यार पले
बिजली कटौती ने परिवार के बीच प्यार बढ़ा दिया है। अब टीवी पर सास-बहू के सीरियल नहीं दिखते हैं। सास-बहू को साजिश का एहसास होता है। अब दोनों के बीच प्यार बना रहता है। नयी नवेली शादी वालों की तो जैसे चांदी हो गयी है। न्यू कपल घर में भी कैंडिल लाइट डिनर करता है। रात में खुले आसमान के नीचे सोते हैं तो आसमान में कुदरत की खूबसूरती निहारते हैं। कहीं पूर्णिमा का चांद तो कहीं टिमटिमाता ध्रुव तारा। तब एहसास होता है कि ऊपर वाले ने आसमान के कैनवास पर बेहतरीन चित्रकारी की है। मियां भी खुश और बीबी भी खुशमंहगाई के दौर में किसी ने तो रहम किया। बिजली कटौती नहीं होती है तो हर घर की अच्छी खासी रकम बिल चुकता करने में चली जाती है। गृहणियों को इसके लिए अलग से बजट का इंतजाम करना होता है। बिल की रकम सुनते ही पति चीखते-चिल्लाते हैं। हिदायत भी दे डालते हैं कि कैसे-कैसे बिजली अधिक खर्च हो रही है कैसे उसे कम किया जाए। बिजली कटौती ने इस टेंशन से निजात दिला दी है। बिजली रहती ही नहीं तो भला मीटर कैसे चलेगा। और मीटर नहीं चलेगा तो बिल संभव ही नहीं है। पति देव भी खुश और पत्नियां भी खुश। कम हुआ चोरों का डर Posted By: Inextlive