भारत को पहला वर्ल्डकप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव का आज 60वां जन्मदिन है। भारत के महान आॅलराउंडर कपिल देव के बारे में एक बात कही जाती है कि उन्होंने अपने करियर में कभी नो बाॅल नहीं फेंकी। आइए जानें इस बात में है कितनी सच्चार्इ...


कानपुर। 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में जन्में कपिल देव भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में गिने जाते हैं। कपिल देव ने साल 1983 वर्ल्ड कप में पहली बार भारत को विश्व चैंपियन बनाया। कपिल को न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी महारत हासिल थी। यही वजह है कि इनकी गिनती भारत के बेस्ट ऑलराउंडर खिलाड़ियों में होती है। कपिल ने अपने 16 साल लंबे इंटरनेशनल करियर में कई रिकाॅर्ड बनाए और तोड़े मगर उनको लेकर एक रिकाॅर्ड की चर्चा करना जरूरी है जो आपको अक्सर सुनने को मिल जाता है। कहते हैं कपिल ने अपने पूरे करियर में कभी नो बाॅल नहीं फेंकी मगर असलियत तो कुछ और है।इतनी बार फेंकी नो बाॅल


1978 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू टेस्ट खेलने वाले कपिल ने करीब 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने कई टीमों के खिलाफ गेंदबाजी की और एक-दो नहीं कई बार उनका पैर क्रीज के बाहर पड़ा। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कपिल ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 20 बार तो वनडे में उन्होंने 9 बार नो-बाॅल फेंकी। वनडे में कपिल ने पहली बार नो बाॅल 1992 वर्ल्ड कप में फेंकी थी। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था जिसमें कपिल ने चार नो बाॅल फेंकी थी। खैर भारत यह मैच 1 रन से हार गया था। करियर में कुल कितनी गेंदें फेंकीदाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज कपिल ने अपनी गेंदबाजी के दम पर भारत को कई मैच जिताए। उन्होंने अपने डेढ़ दशक के करियर में कुल 38,942 गेंदें फेंकी, जिसमें टेस्ट में 27,740 और वनडे में 11,202 गेंदें शामिल हैं। इतने विकेट किए अपने नामकपिल देव ने टेस्ट में 434 विकेट चटकाए हैं। इस दौरान उन्होंने मैच में 17 बार चार विकेट, 23 बार पांच विकेट और 2 बार दस विकेट अपने नाम किए। वहीं वनडे की बात करें तो कपिल के नाम 253 विकेट दर्ज हैं। वनडे में कपिल के नाम एक शतक

कपिल देव ने वनडे क्रिकेट में एक शतक भी लगाया है। क्रिकइन्फो पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 1983 वर्ल्डकप का 20वां मैच भारत और जिंबाब्वे के बीच खेला गया था। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 15 रन के भीतर ही आधी भारतीय टीम पवेलियन लौट चुकी थी। ऐसे में कपिल देव क्रीज पर उतरे और उन्होंने हालात को समझते हुए एक कप्तानी पारी खेली। कपिल ने इस मैच में 138 गेंदों में 175 रन बनाए थे। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ितगत स्कोर भी है। भारत ने जिंबाब्वे के सामने 267 रन का टारगेट रखा लेकिन जिंबाब्वे यह मैच 31 रन से हार गया था।एक कैच से लपक लिया वर्ल्ड कप

कपिल देव के करियर का सबसे यादगार मैच 1983 वर्ल्ड कप फाइनल था। उस दिन कपिल एक कैच न लपकते तो शायद वर्ल्ड कप ही उनके हाथ से निकल जाता। दरअसल खिताबी मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को जीत के लिए 184 रन का लक्ष्य दिया था। इस मैच में विवियन रिचर्ड्स ऐसे बल्लेबाजी कर रहे थे मानो 30 ओवर में ही मैच खत्म कर देंगे। मगर ऐसा हुआ नहीं, मदन लाल की एक गेंद पर रिचर्ड्स ने हवा में शॉट मार दिया, नीचे फील्डर थे कपिल देव। भारतीय कप्तान जानते थे अगर ये कैच उन्होंने पकड़ लिया तो मैच पलट सकता है, हुआ भी यही। कपिल ने शानदार फील्डिंग का प्रदर्शन करते हुए 33 रन के स्कोर पर रिचर्ड्स को चलता किया। इसके बाद तो विकेटों की झड़ी लग गई और पूरी कैरेबियाई टीम 140 रन पर ऑलआउट हो गई। भारत ने यह मैच 43 रन से जीत लिया, साथ ही वर्ल्ड कप भी।सिडनी टेस्ट : केएल राहुल ने मैदान में किया ऐसा कि अंपायर को भी बजानी पड़ी तालीशतक लगाने के बाद पंत का मां को लिखा ये मैसेज पढ़ आपकी आंखों से निकल आएंगे आंसू

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari