Bareilly: दयादृष्टि रंग विनायक रंग मंडल के थिएटर फेस्ट में ट्यूजडे को नाटक जात ही पूछो साधु की का मंचन किया गया. इसमें पढ़े-लिखे डिग्रीधारी बेरोजगारों की नौकरी पाने के लिए की जाने वाली तमाम कवायदों को दर्शाया गया है. दफ्तरों के चक्कर लगाना इंटरव्यू लाइनअप करना इंटरव्यू कॉल आने पर खुश होना नौकरी के लिए सिफारिशों का छौंक लगाना और नौकरी मिलने के बाद उसे बचाए रखने की कवायद करना जैसे कई संघर्ष नाटक में खूबसूरती से पेश किए गए हैं.

मुश्किलें नहीं हुईं कम
नाटक के मुख्य पात्र महीपत बब्रूवाहन एक थर्ड डिवीजन एमए पास हैं। एमए पास होने की वजह से उनकी लगी-लगाई नौकरी चली जाती है। नई नौकरी की तलाश में वह कई दिन संघर्ष करता है। बमुश्किल उसे एक गांव के महाविद्यालय में नौकरी मिल जाती है पर नौकरी मिलने के बाद भी उसकी मुश्किलें कम नहीं होतीं। उसकी जाति बार-बार उसके सामने चुनौती बनकर खड़ी होती है। इसी बीच कॉलेज के चेयरमैन की भतीजी नलिनी उसके साथ नौकरी करने आती है। वह नौकरी बचाने के लिए नलिनी के साथ प्रेम-प्रसंग बढ़ाता है पर यहां भी उसे निराशा ही हाथ लगती है। अंत में उसे नौकरी छोडऩी पड़ती है और वह फिर बेरोजगार हो जाता है।

दिखा संघर्ष

नाटक के माध्यम से वर्तमान में बेरोजगार युवाओं की चुनौतियों, संघर्षों को परिलक्षित किया गया है। महीपत के किरदार में अम्बरीश सक्सेना ने दर्शकों खूब गुदगुदाया। ओवरऑल दर्शकों ने एंज्वॉय किया।

Today’s show
वेडनेसडे को जिस नाटक का मंचन किया जाएगा, वह प्रस्तुति दयादृष्टि रंग विनायक रंग मंडल के कलाकारों की होगी-
नाटक :       द पोस्ट ऑफिस
समय :       शाम साढ़े छह बजे
स्थान :  आईएमए ऑडीटोरियम
कलाकार : सृष्टि, नीलम, राजू चौहान, अजय चौहान, अनिरुद्ध सिंह, पप्पू वर्मा

 

Posted By: Inextlive