‘राधे मां’ को लेकर मीडिया में जो भी हाय तौबा मच रहा हो लेकिन गुरदासपुर ज़िले के दोरांगला गांव के लोग ‘राधे मां’ पर लगे आरोपों पर यकीन करने को तैयार नहीं हैं।


दोरांगला में ही उनका जन्म हुआ और यहीं उन्होंने पढ़ाई लिखाई की।‘राधे मां’ के ख़िलाफ़ पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद दोरांगला एक बार फिर सुर्खियों में है। गांववालों का कहना है कि उन्हें इन आरोपों पर यकीन नहीं है, लेकिन वे जाँच के नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं। वो कहते हैं, “हम जानते हैं, वे इन आरोपों से साफ होकर बाहर निकलेंगी।”एक दुकानदार रोहित महाजन कहते हैं, “मुझे उनमें विश्वास है और पंजाब में होने वाले उनके लगभग हर कार्यक्रमों में मैं हिस्सा लेता हूँ। जाँच ख़त्म होने दीजिए, सच सामने आएगा और राधे माँ सभी आरोपों से बरी होंगी।”


राधे मां के एक पुराने सहपाठी अजय कुमार, जो दोरांगला में परचून की दुकान चलाते हैं, ने कहा, “मैं अन्य देवी-देवदाओं के साथ हर दिन उनकी तस्वीर के आगे पूजा करता हूँ और वो मुझे आशीर्वाद देती हैं।”उन्होंने बताया कि राधे मां कभी-कभार ही दोरांगला आती हैं।कैसा चमत्कार?

दोरांगला में फोटो स्टूडियो चलाने वाले राजेश कुमार बताते हैं कि वह राधे मां से दो क्लास जूनियर थे और स्कूल के दिनों में उनसे मिले थे। राजेश ने भी उनकी तस्वीर अपनी दुकान पर लगाई है और हर दिन उसकी पूजा करते हैं।वह कहते हैं, “जब भी वह स्कूल जाती थी वह लगातार जय माता दी गाती रहती थी।”गाँव में उन्हें ‘चमत्कारी देवी’ नहीं माननेवालों की संख्या बहुत कम है।एक ग्रामीण कुलभूषण शर्मा दावा करते हैं कि जब ‘राधे मां’ दोरांगला में थी, उन्होंने कभी उन्हें चमत्कार करते नहीं देखा।कुलभूषण कहते हैं, “मैं हैरान हूँ कि लोग उनके बारे में कैसी बातें कर रहे हैं और उन्हें ‘देवी शक्ति’ के रूप में पेश कर रहे हैं। वास्तव में मैंने उनमें कभी देवी शक्ति नहीं देखी, जब वो यहाँ रहती थीं।”

Posted By: Satyendra Kumar Singh