RANCHI: आबादी की विकरालता से सहमे संसाधन अब कहने लगे हैं कि बस करो शहरों में सिमटते गांव और सुविधाओं के लिए भागती भीड़ हंगामे की हकदार हो गई है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने आबादी का बम और हम अभियान की अन्तिम कड़ी में आमलोगों के नजरिये को संजोने का प्रयास किया। बढ़ती जनसंख्या किस प्रकार से परेशानी का सबब बनती जा रही है, इस बात का एहसास तो सभी को है, लेकिन नियमों, विचारों और कानूनों का अनुशरण कर उनके पदचिन्हों पर चलने के लोग आदी नहीं बन पा रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि को लेकर आमलोगों ने अपनी बेबाक राय रखी। किसी ने कानून बनाने की वकालत की तो किसी ने जागरूकता फैलाने की बात कही।

क्या कहती है पब्लिक

कड़ा कानून बने

जिस तरीके से आबादी बढ़ रही है, उससे प्रकृति प्रदत्त सुविधाएं भी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। खासकर प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है और नई-नई बीमारियों का जन्म हो रहा है। कड़े कानून बनाने की जरूरत है।

आशीष जैन

हम दो हमारे एक

जनसंख्या वृद्धि को रोकना है तो हम दो हमारे एक का कानून बनाना होगा। सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसका इम्प्लीमेंटेशन ठीक तरीके से हो, यह भी सुनिश्चित करना होगा। काम मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं।

प्रदक्षिणा प्रिया

गांव में हो रोजगार

सरकार को गांव में ही रोजगार के रास्ते तलाशने चाहिए, गांव में रोजगारपरक इंडस्ट्री लगानी चाहिए, ताकि लोग गांव में ही अपना जीवनयापन कर सकें। शहर में आबादी का डिस्ट्रीब्यूशन उचित तरीके से हो, तो समस्याओं को कम किया जा सकता है।

कृष्णा पाठक

समस्याएं भी बढ़ीं

राजधानी में जिस रफ्तार से जनसंख्या बढ़ रही है, उसके नतीजे भी खतरनाक रूप में सामने आ रहे हैं। आबादी का घनत्व काफी बढ़ा है जिस वजह से समस्याओं ने भी अपनी जगह बना ली है। घनत्व बढ़ने से सफाई नहीं हो रही और इससे बीमारियां पनप रही हैं। समस्याएं जब होंगी तो अपराध को भी जगह मिलेगी।

श्रवण कुमार

जागरूकता जरूरी

जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए जागरूकता के साथ-साथ सरकार सटीक नीति का निर्धारण करे, जो न केवल व्यक्तियों की संख्या की अनियंत्रित वृद्धि पर अंकुश लगाए, बल्कि जनसंख्या के अनियंत्रित आवागमन पर रोक लगाए। शहरी क्षेत्रों में लोगों के बढ़ते हुए घनत्व को रोकने के लिए आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं को बढ़ाना होगा।

शुभम कुमार

परिवार नियोजन कार्यक्रम हो

परिवार नियोजन कार्यक्रम में नसबंदी पर आवश्यकता के स्थान पर अन्तराल पद्धति को प्रोत्साहित किया जाए। बालिकाओं के विवाह की आयु 21 वर्ष की जाए। तेजी से आर्थिक विकास पर जोर देने की जरूरत है और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

राहुल शर्मा

शिक्षा बेहद जरूरी

उस कॉन्सेप्ट को याद कीजिए, जब हम दो हमारे दो का नारा पूरे देश में दिया जाता था। अब नए कांसेप्ट पर चलना होगा और कहना होगा कि हम दो हमारे एक। लोगों को शिक्षित बनाने के साथ-साथ सभी बिन्दुओं की जानकारी देते हुए जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत है।

भीम सिंह

सुविधाएं बढ़े

सभी बिन्दुओं की जानकारी देते हुए जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत है। व्यापक प्रचार-प्रसार हो साथ ही कानून भी बनाया जाए। पॉपुलेशन का डिस्ट्रीब्यूशन जरूरी पर सही तरीके से हो। सुविधाओं के साथ-साथ जनसंख्या रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं।

अमरेन्द्र कुमार

Posted By: Inextlive