-पारा चढ़ते ही शहर में शुरू हो गया आग का कहर, रोजाना हो रही बड़ी घटनाएं

-इसके बावजूद फैक्ट्रीज, हाइराइज बिल्डिंग्स व अपार्टमेंट्स में फायर फाइटिंग के प्रॉपर अरेंजमेंट्स नहीं

-ये लापरवाही कानपुराइट्स पर कभी भी पड़ सकती है भारी, फायर ब्रिगेड भी जूझ रहा संसाधनों की कमी से

KANPUR: पारा बढ़ते ही शहर में आग का कहर शुरू हो रहा है। शहर में रोजाना किसी न किसी घर, दुकान, ऑफिस, फैक्ट्री या गोदाम में आग लगने की घटना हो रही है। करोड़ों का माल राख होने के साथ ही दर्जनों लोगों की जान भी खतरे में पड़ गई। बावजूद इसके मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स और फैक्ट्रीज में फायर फाइटिंग अरेंजमेंट्स में घोर लापरवाही बरती जा रही है। अगर आप भी अपार्टमेंट या मल्टीस्टोरी में रह रहे हैं तो फायर फाइटिंग के इंतजाम फिर से चेक कर लीजिए। अगर कोई कमी है तो दुरुस्त कर लें या फायर ब्रिगेड की हेल्प ले लें। क्योंकि आग की किसी से दोस्ती नहीं होती।

आग से खेल रहे हैं

सिटी में अवैध रूप से सैकड़ों की संख्या में इल्लीगल बिल्डिंग्स बन चुकी है। इनमें से ब्भ्0 के करीब केडीए ने पिछले दो सालों में सील कर रखी हैं। इनमें आग से बचाव के इंतजाम ना के बराबर हैं। ना तो सेटबैक छोड़ा गया, ना ही वेंटीलेशन का ख्याल रखा गया और ना ही फायर फाइटिंग के इंतजाम किए गए। कई मल्टीस्टोरी तो ऐसी तंग गलियों में बन गई हैं, जहां तक फायर ब्रिगेड की गाडि़यां नहीं पहुंच सकती हैं। इन बिल्डिंग्स में ही नहीं सालों पहले बनी और उनमें लोगों के रहने के बावजूद भी फायर फाइटिंग के इंतजाम नहीं किए गए। कभी आग बुझाने के लिए फायर एक्सिटिंग्यूशर नहीं होता तो कभी बिल्डिंग में पानी का इंतजाम नहीं होता है। आग से बचकर लोगों के निकलने के इंतजाम भी नहीं होते। सिटी सेंटर, मालरोड में इसी वजह से कई लोग आग से घिरी बिल्डिंग में फंस गए थे। इन स्थितियों में जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचती है तब तक काफी नुकसान हो जाता है। लोगों की जान बचाना फायर ब्रिगेड के लिए मुश्किल हो जाता है।

अरबों की प्रॉपर्टी हो चुकी राख

पिछले फाइनेंशियल ईयर में क्ख्ब्फ् स्थानों पर आग लगी थी। ख्7 करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था, जबकि क्ख् लोगों की मौत हो गई थी। बावजूद इसके सिटी में जरूरत के मुताबिक फायर स्टेशन नहीं है। जिसकी वजह से घर, फैक्ट्री में आग लगने पर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। रही-सही कसर ट्रैफिक फंसाव से पूरी हो जाती है। तब तक आग तांडव मचाने लगती है। इस तांडव को रोकने के लिए भी फायर ब्रिगेड के मौजूदा मैन पॉवर व संसाधन कम पड़ जाते हैं। उसके पास जरूरत से एक तिहाई लीडिंग फायर मैन हैं। कर्नलगंज फायर स्टेशन में तो ब्0 के स्थान पर केवल क्भ् ही लीडिंग फायर मैन हैं। लाटूश रोड, फजलगंज, मीरपुर कैंट आदि किसी भी फायर स्टेशन में सेकेंड फायर स्टेशन ऑफिसर नहीं है। पानी भरने के लिए जगह-जगह स्थित लगे हाइड्रेन्ट प्वाइंट गायब हो चुके हैं। सिटी के विभिन्न एरिया में ख्ख् स्थानों पर ब्0 हजार लीटर क्षमता के प्रपोज्ड स्टैटिक टैंक भी कागजों में ही सिमट कर गए हैं। सिटी के सभी पांचों फायर स्टेशन में कुल मिलाकर ख्0 दमकल गाडि़यां भी हैं। जबकि पापुलेशन ब्0 लाख तक पहुंच चुकी है। इसी वजह ट्रांसपोर्ट नगर की ट्रांसपोर्ट कम्पनी, रूमा की फैक्ट्री, पनकी के ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट हो या फिर तीन दिन पहले रनियां में ऑयल फैक्ट्री में लगी आग हो, फील्डगन फैक्ट्री, स्माल आ‌र्म्स फैक्ट्री, एचएएल आदि रक्षा प्रतिष्ठानों से दमकल गाडि़यां मंगानी पड़ती है।

हाईराइज बिल्डिंग्स के लिए

- आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाने और निकलने के लिए प्रॉपर फ्रन्ट, बैक और साइड सेटबैक व वर्किग स्पेस होना चाहिए

- मेन रोड से बिल्डिंग तक जाने के लिए क्ख् मीटर से कम चौड़ी रोड नहीं होनी चाहिए

- फायर एग्जिट और स्टेयर्स होने चाहिए। ये जानकारी हर फ्लोर पर डिस्प्ले होनी चाहिए।

- दमघोंटू धुएं से बचने के लिए वेंटीलेशन और रोकथाम के उपाए हों

- इमरजेंसी लाइटिंग का अरेजमेंट होना चाहिए

- स्टेयर्स या बेसमेंट में एनक्रोचमेंट या अन्य रुकावट नहीं होनी चाहिए

ये होने चाहिए इंतजाम

- हर फ्लोर पर फायर एक्सटिंग्यूशर फ्लैट्स के रेशियो के हिसाब से लगे होने चाहिए

-हौजरील, यार्ड हाईड्रेंट और डाउन सिस्टम लगा हो।

- ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम हो -मैन्युवली ऑपरेटेड इलेक्ट्रिकल फायर एलार्म सिस्टम

- ऑटोमैटिक डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम हो

- एक लाख लीटर क्षमता का अंडरग्राउंड वाटर टैंक होना चाहिए

- ख्0 हजार लीटर का ओवरहेड टैंक होना चाहिए

-फायर पम्प लगे - ख्ख्80 एलपीएम इलेक्ट्रिक पम्प। ख्ख्80 एलपीएम का डीजल पम्प और क्80 एलपीएम का जैकी पम्प

-आग लगने पर लोगों को सूचित करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा होना चाहिए

आग की तुरन्त दें सूचना

पुलिस कन्ट्रोल रूम - क्00

फायर कन्ट्रोल रूम- क्0क्

चीफ फायर ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8फ्ब्फ्

फजलगंज फायर स्टेशन- 0भ्क्ख्-ख्ख्क्8999

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8फ्9भ्

मीरपुर कैंट फायर स्टेशन- 0भ्क्ख्- ख्फ्ख्भ्भ्म्म्

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8ब्0क्

कर्नलगंज फायर स्टेशन- 0भ्क्ख्- ख्भ्ख्भ्भ्भ्भ्, ख्भ्ब्9ख्7क्

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8फ्97

लाटूश रोड फायर स्टेशन- 0भ्क्ख्-ख्फ्म्ख्ख्ख्ख्

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8फ्99

जाजमऊ फायर स्टेशन ऑफिसर- 9ब्भ्ब्ब्क्8ब्07

- मल्टीस्टोरी, फैक्ट्रीज आदि में फायर फाइटिंग के इंतजामों को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अगर लोग खुद फायर फाइटिंग के इंतजाम कर लें तो आग से अधिक नुकसान नहीं होगा.- एसके सिंह, चीफ फायर ऑफिसर

---

हेडिंग: ट्रासंफार्मर की आग अपार्टमेंट तक पहुंची

- स्वरूपनगर में विलियम अपार्टमेंट से सटे ट्रांसफार्मर में भीषण आग, अपार्टमेंट में धुआं भरने से अफरातफरी

द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्गफ्ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म। स्वरूपनगर में द चाट चौराहे पर स्थित एक ट्रांसफार्मर में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। ट्रांसफार्मर के ठीक पीछे स्थित अपार्टमेंट का कुछ हिस्सा भी आग की चपेट में आ गया। अपार्टमेंट के लोगों ने ही आग पर काबू पाया।

बदहवास होकर भागे लोग

स्वरूपनगर में विलियम अपार्टमेंट के बाहर लगे ट्रांसफार्मर में सुबह 9 बजे तेज धमाके के साथ आग लग गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते आग ने भीषण रूप ले लिया। अपार्टमेंट में लगे एक विज्ञापन बोर्ड को आग ने गिरफ्त में ले लिया। आग का काला धुआं अपार्टमेंट में भरने लगा। जिससे अपार्टमेंट में अफरा-तफरी मच गई। अपार्टमेंट में मौजूद लोग बदहवास होकर भागने लगे। आसपास मौजूद लोगों ने पानी के सहारे से जैसे-तैसे आग पर काबू पाया। आग से अपार्टमेंट के बाहर का कुछ हिस्सा जल गया। घटना की सूचना पाकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक आग काबू में आ गई थी। लोगों का कहना था कि आग लगने की सूचना के करीब क् घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची।

हर वक्त रहता है यहां खतरा

विलियम अपार्टमेंट पर हर वक्त आग का खतरा बना रहता है। क्योंकि केस्को ने अपना ट्रांसफार्मर अपार्टमेंट की दीवार से सटा रखा है। जिससे क्0 मीटर की दूरी भी मेन बिल्डिंग की नहीं है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं अपार्टमेंट में आग से निपटने के नाम पर सिर्फ फायर इक्विपमेंट रखे हैं। लेकिन हादसा होने पर किसी का भी उस ओर ध्यान नहीं गया। लेकिन इक्विपमेंट जिस हालत में थे वो यूज होने पर भी आग से बचा नहीं पाते।

ट्रांसफार्मर के पास रखा है सिलेंडर

जिस ट्रांसफार्मर में रविवार को आग लगी थी। उसके ठीक बगल में एक छोले-भठूरे की दुकान है। जिसमें बाहर ही चूल्हा व सिलेंडर रखा रहता है। ट्रांसफार्मर से उसकी दूरी भ् मीटर भी नहीं है। शुक्र इतना रहा कि हादसे के समय दुकान बंद थी।

पब्लिक वर्जन:

फायर ब्रिगेड की गाड़ी आई तो आग बुझ चुकी थी। पूछने पर जवाब मिला, आग तो लगती ही रहती है। यहां रखा ट्रांसफार्मर कभी भी हादसे का सबब बन सकता है।

- राजू अरोड़ा

आग लगी तो अपार्टमेंट में धुआं भर गया था। आग बुझने के बाद ही बाहर निकल पाया। यहां रखे ट्रांसफार्मर के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

- सतीश चौरसिया

आग लगने पर जब फायर ब्रिगेड को फोन किया तो उनका फोन ही नहीं उठा। काला धुआं अपार्टमेंट में भर गया था। जैसे-तैसे जान बचाकर बाहर निकला।

- अरविंद सक्सेना

आग लगने पर घर से नीचे भाग आया था। लिफ्ट में एक वकील साहब फंस गए थे। जैसे-तैसे उन्हें निकाला गया। बाहर लगे ट्रांसफार्मर से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

- कृष्ण कुमार बेरीवाल

अपार्टमेंट में आग लगने पर अपार्टमेंट के लोगों ने ही आग पर जैसे-तैसे काबू पाया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी काफी बाद में आई थी।

- शानू मेहरोत्रा

जब अपार्टमेंट में आग लगी तो मैं सब्जी लेने गया हुआ था। वापस आकर देखा तो ट्रांसफार्मर व विज्ञापन का बोर्ड धू-धू कर जल रहा था। ट्रांसफार्मर बेहद खतरनाक है। कभी भी हादसा हो सकता है।

- विनय अग्रवाल

Posted By: Inextlive