-आर्थिक हालात सुधरे तो मुसलमानों में दूर होगा पिछड़ापन : अहसन मियां

-सुबह उर्स-ए-रहमानी, देर रात मुफ्ती-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई

- तहफ्फ़ुज मजहब और मसलक कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर के उलेमा ने की शिरकत

BAREILLY

सौ साला उर्स-ए-रजवी के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय तहफ्फ़ुज मजहब और मसलक दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां ने मुसलमानों के आर्थिक और माली हालात सुधारने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। शरई मालदार ढाई प्रतिशत अपना माल गरीबों को अदा कर दें, तो मुसलमानों की गरीबी दूर हो जाएगी। उनके साथ दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी अहसन मियां ने कहा कि मौजूदा वक्त में मुसलमानों के माली आर्थिक हालातों में सुधार होने से शिक्षा के क्षेत्र में भी बदहाली दूर होगी। वहीं दिन भर उर्स में आने वालों की लाइन लगी रही। सुबह से शुरू हुआ चादरों को जुलूस देर रात तक चलता रहा।

रात में शुरू हुई तकरीरें

तुर्की से आए मौलाना उस्मान करेबी एनाजी तुरबा ने कहा कि आला हजरत सुन्नियत के सच्चे अलम्बरदार थे। तुर्की में आला हजरत की लिखी गयी किताबों और मसलक-ए-आला हजरत पर रिसर्च जारी है। अमेरिका से आए मौलाना डॉ। गुलाम जरकानी ने अपनी तकरीर में कहा कि आला हजरत ने सुन्नियों के ईमान की हिफाजत की। मारीशस से आए मौलाना शमीम नूरानी, मौलाना जीशान रजा मंजरी ने कहा कि रेहान-ए-मिल्लत मुफ्ती रेहान रजा खान रहमानी मियां ने मसलक और मजहब के लिए पूरी दुनिया के दौरे किए। साउथ अफ्रीका से आए मौलाना सय्यद अरशद इकबाल मौलाना मूसा, बांग्लादेश से मौलाना हारून रशीद, मारीशस् से मौलाना फैसल अहमद, इंग्लैंड के मुफ्ती फरोग उल कादरी, मौलाना मुख्तार बहेड़वी, मौलाना साबिर उल कादरी, दिल्ली मौलाना सिद्दीक सादिक, कारी अमीर हमजा, अब्दुर्रहमान कादरी, मुफ्ती कफील हाशमी, मुफ्ती आकिल रजवी का भी खिताब हुआ।

रात नौ बजे कॉन्फ्रेंस का आगाज

दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि फजर की नमाज के बाद रजा मस्जिद में कुरानख्वानी हुई। सुबह 8 बजे मौलाना सुब्हानी मियां की सदारत व उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में कारी रिजवान नूरी ने तिलावत-ए-कुरान से आगाज किया। हाजी गुलाम सुब्हानी ने मिलाद पढ़ी। 9:58 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मुफ्ती अय्यूब खान, कारी अब्दुर्रहमान कादरी, कारी अमीर हमजा ने फातिहा पढ़ी। कॉन्फ्रेंस का आगाज रात 9 बजे हुआ। रात 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती-ए-आजम हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। कॉन्फ्रेंस देर रात तक जारी थी।

किताबों का िकया विमोचन

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां ने दर्जनों किताबों का विमोचन कॉन्फ्रेंस में किया। जिसमें मुफ्ती सलीम नूरी की लिखी नुजूम-ए-हिदायत, चालीस हदीस, फतावा हामिदिया का उर्दू तर्जुमा के अलावा माहनामा आला हजरत का सदसाला स्पेशल अंक, मुफ्ती अय्यूब खान, मुफ्ती हनीफ खान आदि की लिखी बुक्स शाि1मल रही।

राजनीतिक पार्टियों ने भ्ोजी चादरें

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की चादर लेकर आप के संस्थापक सदस्य रईस अहमद, प्रदेश महासचिव अरविंद अग्रवाल और जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह दरगाह प्रमुख से मिले। उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां, नासिर कुरैशी, नावेद रजा, कामरान खान, फिरोज अहमद आदि ने दरगाह पर चादर पेश कराई।

यह भी रहे मौजूद

उर्स की व्यवस्था राशिद अली खान, आबिद खान, हाजी जावेद खान, शाहिद खान, अजमल नूरी, नासिर कुरैशी, औरंगजेब नूरी, परवेज नूरी, ताहिर अल्वी, नावेद रजा, मंज़ूर खान, आलेनबी, कामरान खान, तारिक सईद, सलमान रजा, मुजाहिद बेग, अदनान रजा, सय्यद मुदस्सिर अली, इशरत नूरी, मोहसिन खान, जोहेब रजा, शान रजा, इशरत नूरी, नईम नूरी, नफीस खान, हाजी शारिक नूरी, हाजी अब्बास और अश्मीर रजा आदि ने व्यवस्था संभाली।

Posted By: Inextlive