रांची: आपके घर का कचरा अब लोगों के उपयोग के लिए काम में लाया जाने वाला है. झिरी में लगातार बन रहे कचरे के पहाड़ को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नया प्लान तैयार कर रहा है. बढ़ते प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कचरे से निजात पाने का रास्ता ढूंढा जा रहा है. 40 साल पुरानी प्लास्टिक की बोतलों से खनिज तेल निकालने और टी-शर्ट बनाने के लिए रांची में प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है. यह सब इस क्षेत्र में काम कर रहे एवायरमेंट क्लब ऑफ इंडिया पुणे और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) के संयुक्त प्रयास से होगा.

महाराष्ट्र में 20 साल से हो रहा काम

इस पद्धति को अपना कर महाराष्ट्र में 20 वर्षो से काम चल रहा है. प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक्स कचरे से तेल निकाला जा रहा है. जेएसपीसीबी के अध्यक्ष एके रस्तोगी इस पद्धति पर लंबे समय से काम करने वाले एनवायरमेंट क्लब ऑफ इंडिया पुणे के साथ वार्ता भी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड में बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं, उनसे सामाजिक दायित्व के तहत इस योजना पर काम कराया जाएगा.

10 एकड़ पर प्रोजेक्ट का प्लान

रांची में प्लांट लगाने के लिए 10 एकड़ की तलाश की जा रही है. इतनी जगह में प्लास्टिक कचरे से खनिज तेल और टी-शर्ट बनाने का प्लांट लगाया जाएगा. फिलहाल जिस पद्धति से प्लास्टिक की 16 बोतलों से टी-शर्ट बनायी जा रही है. उस टी शर्ट से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता.

पेट्रोल-डीजल होगा तैयार

40 साल पुराने प्लास्टिक बोतलों से खनिज तेल निकाला जाएगा. इसका पेट्रोल-डीजल के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा. इस तेल का शिशु तेल, पेट साफ करने वाली दवाइयों, सौंदर्य प्रसाधन बनाने में यूज करने के साथ ही ट्रांसफार्मर के तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.

बढ़ जाएगा स्टेट में ई-कचरा

एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक राज्य में ई-कचरा तीन गुना से अधिक बढ़ जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 70,332 टन ई-कचरा जमा हो चुका है. ई-वेस्ट का लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसका सही तरीके से निस्तारण नहीं करने पर मनुष्य को कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha