- एनआरएचएम के तहत संगिनी के काम से आशाओं को मिली मुक्ति

- संगिनी के पदों पर नियुक्ति का रास्ता हुआ साफ

चंदौली : एनआरएचएम के तहत संगिनी का काम कर रही आशाएं अब एक साथ दो-दो पदों का काम नहीं कर सकेंगी। निदेशक एनआरएचएम ने एक अप्रैल से एक पद पर एक महिला को कार्य करने का निर्देश जारी किया है। इस निर्देश से जिले की लगभग 16 सौ आशाएं संगिनी के कार्य से मुक्त हो जाएंगी। हालांकि संगिनी का कार्य करने से उन्हें हर माह चार से छह सौ रुपये का हो रहा लाभ अब नहीं मिलेगा।

आशाओं को होगा घाटा

आशाओं के कंधों पर स्वास्थ्य विभाग की लगभग 35 योजनाओं के कुशल संचालन का भार है। इसमें टीकाकरण, पल्स पोलियो, नसबंदी, डिलवरी, प्रसव पूर्व व बाद में महिलाओं की देखभाल, “च्चों की स्वास्थ्य जांच व अन्य 35 योजनाओं का उन्हें पहले से ही कार्य मिला है। पर एक साल से शासन ने उन्हें संगिनी का अतिरिक्त कार्य दे दिया है। इस अतिरिक्त कार्य से आशाओं पर बोझ जरूर बढ़ा पर उनकी आय में भी वृद्धि हुई। उन्हें हर महीने चार से छह सौ रुपये अतिरिक्त मिल जाता था। पर शासन ने आशाओं को संगिनी के कार्य से अलग करने का निर्देश जारी कर दिया है। उम्मीद है संगिनी के कार्य के लिए नई तैनाती होगी। पर संगिनी पद से हटाने से आशाओं को नुकसान हुआ है। बता दें कि आशाओं का जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव कराने का मूल कार्य है। पर शासन ने इससे जुड़े लगभग सभी कार्य इन पर डाल दिए, पर हर कार्य का उन्हें मानदेय दिया गया।

संगिनी करती हैं निरीक्षण

संगिनी आशाओं के कार्य पर नजर रखती हैं। उसका सप्ताह में एक बार निरीक्षण होता है, इसमें वह आशाओं के कार्यों की रिपोर्टिंग करती है। इस कार्य का उन्हें मानदेय तो नहीं पर एक विजिट पर उन्हें 250 रुपये मिलता है। उनका यह निरीक्षण महीने में चार से पांच बार होता है।

क्या कहते हैं अधिकारी

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जिला कम्यूनिटी प्रबंधक सुधीर राय का कहना है कि शासन ने आशाओं से संगिनी का कार्य नहीं लेने का निर्देश दिया है। अब संगिनी और आशा का अलग-अलग कार्य होगा। वहीं मुगलसराय नगर में चल रहे एनयूएचएम के तहत 12 आशाएं रखी जाएंगी।

Posted By: Inextlive