क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अब बाजार की मिलावटी केमिकल युक्त सब्जियां नहीं खाएंगे. वे अब गार्डन का ताजा फ ल और सब्जी खाएंगे, जिसे बिना केमिकल मिलावट के उगाई जाएगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसके लिए प्रपोजल तैयार कर रहा है, जिसमें प्राइमरी स्कूल के कैंपस जहां काफी जगह खाली रहता है उसमें सीजनल सब्जियां और फल उगाए जाएंगे. इन्हीं सब्जियों व फलों को स्टूडेंट्स को खाने के लिए दिया जाएगा. रांची सहित पूरे राज्य के प्राइमरी स्कूल्स के कैंपस में ये किचन गार्डन लगाने में कृषि विज्ञान केंद्र मदद करेगा.

हर स्कूल को मिलेगा 5000

स्कूल कैंपस में किचन गार्डन बनाने के लिए हर प्राइमरी स्कूल को पांच हजार रुपये दिये जाएंगे. इस पैसे से जितनी भी तरह की सब्जियां होती हैं उनको स्कूल कैंपस में लगाया जाएगा, साथ जितने सीजनल फ्रूट्स होते हैं उन्हें भी कैंपस में लगाया जाएगा. स्कूलों में किचन गार्डन लगाने के लिए एक्सपर्ट के तौर पर कृषि विज्ञान केंद्र सरकार की इस योजना को मदद कर रहा है. साक्षरता विभाग द्वारा जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी.

18 हजार स्कूलों में लगेगा

रांची सहित पूरे झारखंड के 18 हजार प्राइमरी स्कूलों में किचन गार्डन लगाया जाएगा. विभाग के अधिकारियों के अनुसार जितने भी प्राइमरी स्कूल हैं वहां के कैंपस में यह गार्डेन बनाया जाएगा. स्कूल में किचन गार्डन लगाने का मकसद है कि अभी जो स्टूडेंट्स केमिकल युक्त सब्जियां और फ्रूट्स खाते हैं उससे उनको छुटकारा मिल जाएगा. किचन गार्डन में जिन सब्जियों और सीजनल फ्रूट्स का उत्पादन किया जाएगा. स्कूल में इन्हीं सब्जियों की तरकारी बनाई जाएगी और उसे यहां बच्चों को दिये जाने वाले खाने में परोसा जाएगा साथ में ये फल भी रहेगा. विभाग के अधिकारियों के अनुसार दो से तीन महीने में हर सीजनल सब्जी का उत्पादन हो जाता है. हर तीन महीने के बाद नया सब्जी लगायी जाएगी और स्टूडेंट्स को यहां से उत्पादन की जाने वाल सब्जी खाने में दी जाएगी.

Posted By: Prabhat Gopal Jha