-लेवल वन लेवल टू और लेवल टू लेवल थ्री के लिए होगा क्वालीफाइंग

-इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई होंगे वैकेंट सीटों की सापेक्ष दो गुना अभ्यर्थी

-नॉन जेआरएफ को नहीं बंद होगी आठ हजार फेलोशिप

-एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में थर्सडे को लिए गए निर्णय

ALLAHABAD इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में थर्सडे को हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग पर सबकी नजरें थीं। इसकी बड़ी वजह कई विभागों में रिसर्च के दाखिले को लेकर उठा विवाद था। जिसका काउंसिल की मीटिंग के बाद पटाक्षेप होता नजर आ रहा है। काउंसिल ने मीटिंग में कई इम्पार्टेट डिसीजंस तो लिए हैं साथ ही नियमों की स्पष्ट व्याख्या करके विवादों को समाप्त करने की कोशिश की।

सामान्य अभ्यर्थी लगातार कर रहे थे मांग

थर्सडे को तकरीबन तीन घंटे तक चली मीटिंग में एकेडमिक काउंसिल ने विभागों में कम्बाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) के विवाद को सुलझाने की कोशिशों के तहत बड़ा फैसला लेते हुए नेट और जेआरएफ को इंटरव्यू में मिलने वाले अतिरिक्त अंक क्रमश: पांच और सात को खत्म कर दिया है। यह निर्णय नेट में शामिल होने वाले उन सामान्य अभ्यर्थियों (पोस्ट ग्रेजुएट) की मांग को देखते हुए लिया गया, जिसमें उनकी मांग थी कि सामान्य अभ्यर्थियों को तो क्रेट के लेवल वन, लेवल टू और लेवल थ्री तीनों ही परीक्षा देनी पड़ती है। लेकिन केवल लेवल टू और थ्री देने वाले नेट और केवल लेवल थ्री के साक्षात्कार में शामिल होने वाले जेआरएफ अभ्यर्थियों को अतिरिक्त नम्बरों का लाभ क्यों दिया जा रहा है। इससे क्रेट के दाखिले में सामान्य अभ्यर्थियों के अवसर सीमित हो जाया करते हैं।

नेट अभ्यर्थियों को नहीं होगा नुकसान

वहीं अब क्रेट के साक्षात्कार के बाद अब जो फाइनल रिजल्ट निकाला जाएगा, उसमें एकेडमिक रिकार्ड और इंटरव्यू के नम्बरों को जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। उधर, काउंसिल की मीटिंग में क्रेट के दाखिले में स्पष्ट रूपरेखा को अंजाम देने पर बल देते हुए कहा गया है कि अब लेवल वन का एग्जाम लेवल टू के लिए क्वालीफाइंग होगा और लेवल टू का एग्जाम लेवल थ्री के लिए क्वालीफाइंग होगा। जबकि पूर्व में ऐसा न होने के कारण नेट के ज्यादातर अभ्यर्थियों को इसका नुकसान उठाना पड़ता था और वे दाखिले की दौर से बाहर हो जाते थे। कहा गया कि कहीं भी लेवल वन और लेवल टू की संयुक्त मेरिट बनाकर लेवल थ्री के लिए क्वालीफाई नहीं करवाया जा सकता।

31 मार्च तक देना होगा वैकेंट सीटों का ब्यौरा

क्रेट के दाखिले में कई विभागों में देखने को मिला कि वैकेंट सीटों की सापेक्ष इंटरव्यू के लिए कम या ज्यादा अभ्यर्थियों को क्वालीफाई करवा दिया गया। इसपर कहा गया है कि वैकेंट सीटों की सापेक्ष दो गुना अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई करवाया जा सकता है। उनके अलावा अलग से जेआरएफ होंगे। नए सेशन में दाखिले से पहले सभी विभागों को अनिवार्य रूप से 31 मार्च तक वैकेंट सीटों का ब्यौरा सौंपना होगा, जिससे दाखिले की प्रक्रिया टाइम से शुरू की जा सके। वहीं यह भी निर्णय लिया गया है कि क्रेट में दाखिला लेने वाले सभी नॉन जेआरएफ अभ्यर्थियों को आठ हजार रुपए फेलोशिप दी जाएगी। जबकि पूर्व में इसे एयू पर बढ़ रहे आर्थिक भार के चलते बंद करने की बात कही जा रही थी।

अब कई विभागों पर होगी नजरें

काउंसिल की बैठक में विधि पाठ्यक्रम में उम्र सीमा की बाध्यता को समाप्त करने संबंधी निर्णय पर अन्तिम मुहर लगाए जाने के अलावा भी कई डिसीजन लिए गए। बता दें कि नए सेशन (2014-15भ्) में क्रेट का ऑनलाइन आवेदन क्भ् जून से शुरू होगा। आवेदन की लास्ट डेट पांच जुलाई होगी। क्फ् जुलाई से एडमिट कार्ड मिलने शुरू होंगे और ख्0 जुलाई को क्रेट प्रवेश परीक्षा होगी। इसका रिजल्ट अगस्त सेकेंड वीक तक आएगा।

मीटिंग से गायब रहे कई मेम्बर

एक ओर जहां इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई तो कई सदस्य ऐसे भी रहे जो बैठक से गायब रहे। इस बाबत अब्सेंट मेम्बर्स से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें मीटिंग का लेटर काफी देर से हासिल हो सका। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली कई बैठकों में ऐसा हो चुका है और एजेंडा भी काफी देर से मिलता है जो कि नियमों के विरुद्ध है। वहीं बैठक में शामिल कुछ सदस्यों में नार्थ हाल का माइक्रोफोन खराब होने से भी नाराजगी देखने को मिली। बैठक में शामिल संस्कृत विभाग की हेड प्रो। किश्वर जबी नसरीन ने विभाग में चल रही उठापटक का मसला पुरजोर तरीके से उठाया।

बैठक से पहले हुआ प्रदर्शन

एकेडमिक काउंसिल की बैठक से पहले छात्रनेता राणा यशवंत प्रताप सिंह के नेतृत्व में पहुंचे छात्रों ने प्रदर्शन किया और मांग रखी कि आगामी छात्रसंघ चुनाव में चुनाव लड़ चुके छात्रों को एक और मौका दिया जाए। उन्होंने एग्जीक्यूटिव और एकेडमिक काउंसिल जैसी बैठकों को नियमित रूप से बुलाने की भी मांग की है।

Posted By: Inextlive