अफ्रीका के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मोबाइल फोन तकनीक की बदौलत अब साफ पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा.


ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा डेटा ट्रांसमीटर बनाया है जो हैंडपंप के भीतर लगाया जा सकता है. ये ट्रासमीटर हैंडपंप यानी कि चापाकल के खराब होने पर तुरंत एसएमएस भेजेगा.इन ट्रांसमीटरों से युक्त ‘स्मार्ट’ हैंडपंपों को कीनिया के 70 गांवों में परिक्षण के तौर पर लगाया जाएगा. इस परियोजना से जुड़ी जानकारी ‘जर्नल ऑफ हाइड्रोइंफोर्मेटिक्स’ नाम की एक पत्रिका में छापी गई है.हैंडपंप पर निर्भरअफ्रीका में रहने वाले करोड़ों लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर निर्भर है. लेकिन माना जाता है कि इन हैंडपंपों में से एक-तिहाई हमेशा खराब रहते है.दूर-दराज के क्षेत्रों में लगे हैंडपंप की मरम्मत में कभी-कभी एक महीने तक का समय लग सकता है. अफ्रीका में पिछले कुछ सालों में कोई खास बदलाव आया है तो वो है मोबाइल फोन तकनीक का विकास.
माना जाता है कि अफ्रीका के उप सहारा के रेगिस्तानी इलाके में जितने लोगों के पास मोबाइल है उतने लोगों के पास पीने के साफ पानी का स्रोत भी नहीं है.गति ही अहम है


इसलिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हैंडपंपों के बेहतर प्रबंध के लिए मोबाइल फोन तकनीक का प्रयोग किया. शोधकर्ताओं ने ट्रांसमीटर को हैंडपंप के हैंडल में लगाकर इसका परीक्षण किया. शोध दल के सदस्य पैट्रिक थॉमसन ने बताया कि ये गति आंककर खामी का पता लगाता है.उन्होंने बीबीसी को बताया, “ये हैंडल की गति को भांप लेता है जिससे हैंडपंप में पानी के बहाव को माप लिया जाता है.”थॉमसन ने कहा, “इस तकनीक के जरिए केंद्रीय कार्यालय को हैंडपंपों की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी और उनके खराब होने पर मकैनिक तुरंत भेजे जा सकेंगे.”शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कीनिया में हो रहे परीक्षण से जो जानकारी मिलेगी उससे इस तकनीक की उपयोगिता के बारे में पता चल जाए.इस तकनीक के और फायदे भी हैं. इसके जरिए वैज्ञानिक ये पता लगा पाएंगे कि पूरे महाद्वीप में कितने पानी का प्रयोग किया जाता है.

Posted By: Surabhi Yadav