ऑडी कार से कुचलकर युवक की मौत के मामले को दबाने के खेल का भांडा फूटा

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने एसएसपी देहरादून को दिए केस दर्ज करने के आदेश

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर का लिया संज्ञान

देहरादून,

ऑडी कार से कुचलकर युवक की मौत के मामले को दबाने के खेल का भांडा फूट गया है. डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर का संज्ञान लेते हुए एसएसपी देहरादून को इस मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज करने और दोषी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. डीजी ने निर्देश जारी कर एसएसपी से मामले में किसी पीडि़त द्वारा तहरीर न देने पर अपने स्तर से मुकदमा दर्ज करने को कहा है. इसके लिए डीजी ने 7 दिन की डेडलाइन भी दी है.

8 अप्रैल का है मामला

बीते 8 अप्रैल की रात साढ़े 10 बजे चकराता रोड पर आईएमए के सामने ऑडी कार से एक्सीडेंट में बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस केस में एफआईआर दर्ज करने के बजाय मामले को रफा-दफा कर एक्सीडेंट करने वाली कार को छोड़ दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने मरने वाले के परिजनों को कथित तौर पर बिहार से बुलाकर समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करा लिए. हालांकि यह समझौता पत्र अभी तक पुलिस नहीं दिखा पाई है. पुलिस इस मामले में अब तक यह कहकर ही पल्ला झाड़ती रही कि परिजनों की ओर से कोई एफआईआर ही दर्ज नहीं कराई गई है.

पुलिस ने गाड़ी का नहीं कराया एमई

जिस कथित ऑडी कार से युवक की मौत हुई है. उस ऑडी गाड़ी का पुलिस ने मैकेनिकल इंस्पेक्शन तक नहीं कराया. साक्ष्य नष्ट करने के लिए पुलिस ने पूरा खेल किया. गाड़ी को कंपनी की सर्विस सेंटर में भिजवा दिया है. इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी का मेडिकल तक नहीं कराया, जबकि आरोपी खुद दून हॉस्पिटल पहुंचा था. दून हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया कि जब घायल युवक को दून हॉस्पिटल लाया गया तो उसके साथ एक और युवक आया था, जो इस युवक को बचाने की रिक्वेस्ट कर रहा था. उसने हॉस्पिटल में बताया कि उसी की कार से एक्सीडेंट हुआ, लेकिन पुलिस ने उसका मेडिकल तक नहीं कराया.

ऐसे किया गया खेल

चुनावी ड्यूटी की आड़ में पुलिस ने सारे खेल को अंजाम दिया. एक तरफ पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी कर रहे थे, दूसरी तरफ कैंट थाना इंचार्ज नदीम अतहर और पंडितवाड़ी चौकी इंचार्ज अरविंद चौधरी के नेतृत्व में यह पूरा मामला ही पलट गया. सबसे चौंकाने वाली बात तो तब सामने आई जब कैंट थाने की ओर से जारी प्रेस नोट में मृतक का नाम विशाल कुमार बताया जबकि असल में मृतक का नाम विकास है. हादसे में मौत का शिकार विकास मूल रूप से बिहार का रहने वाला था. लेकिन, बचपन से ही दून में रह रहा था. यह युवक जिस दुकान मालिक के यहां काम करता था. उसकी भी दो माह पहले मौत हो गई थी. उसकी दुकान मृतक चलाता था.

Posted By: Ravi Pal