- 8 दिन में दो हादसे, दोनों हादसों की वजह बनी रोडवेज की मियाद पूरी कर चुकी बसें

- परिवहन निगम के बेड़े में हैं 150 कंडम बसें, नहीं की जा रही नीलाम

देहरादून, रोडवेज की मियाद पूरी कर चुकी बसें सड़कों पर काल बनकर दौड़ रही हैं। 8 दिन के भीतर रोडवेज की दो बसें हादसों का कारण बनी, जिनमें रोडवेज ड्राइवर और एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पड़ताल की तो पता चला कि हादसों का कारण बनी दोनों बसें अपनी मियाद पूरी कर चुकी थी, दोनों का रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल 2010 में हुआ था। रोडवेज के मानकों के अनुसार मैदानी इलाकों में बसों की मियाद 6 वर्ष निर्धारित है, तीन वर्ष पहले ही दोनों बसें कंडम हो चुकी थीं। बावजूद इसके दोनों सड़क पर फर्राटा भर रही थीं, इसका नतीज दो मौतों के रूप में सामने आया।

रोडवेज के बेड़े में 150 कंडम बसें

रोडवेज के बेड़े में करीब 150 बसें अपनी मियाद पूरी कर चुकी हैं। इन्हें नियमानुसार नीलाम किया जाना चाहिए, लेकिन बताया जा रहा है कि परिवहन निगम के पास बसों की कमी है, ऐसे में मियाद पूरी कर चुकी बसें भी संचालित करनी पड़ रही हैं।

पहला हादसा (बस के ब्रेक हुए थे फेल)

24 फरवरी को दून से दिल्ली जा रही रोडवेज की बस (यूके 07 पीए 1567) मोहंड के पास सड़क पर पलट गई थी। बताया गया था कि बस के ब्रेक फेल हो गए थे और बस को खाई में गिरने से बचाने के लिए ड्राइवर ने पहाड़ी की ओर मोड़ दिया था। बस पहाड़ी से टकराकर पलट गई, हादसे में बस ड्राइवर की मौत हो गई थी।

दूसरा हादसा (कंडम बस थी ओवरस्पीड)

संडे को मोहकमपुर और मियांवाला चौक के बीच रोडवेज बस (यूके 08 पीए 0242) ने एक टू व्हीलर सवार महिला को रौंद दिया। पुलिस के अनुसार हादसे का कारण बस की ओवरस्पीड थी। बस 2010 में रजिस्टर्ड की गई थी, इस हिसाब से 3 वर्ष पहले ही उसकी मियाद पूरी हो गई थी। इसके बावजूद बस का संचालन हो रहा था और ड्राइवर बेलगाम बस को दौड़ा रहा था। हादसे के बाद ड्राइवर फरार है।

पहाड़ का खतरा मैदान में

पहाड़ी मार्गो पर संचालित की गई बसें जब अपनी मियाद पूरी कर गईं तो उन्हें रोडवेज के बेडे़ से बाहर निकालने के बजाय मैदान में दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में पहाड़ का खतरा मैदानों में फर्राटा भर रहा है। परिवहन निगम के मानकों के अनुसार पहाड़ी और मैदानी मार्गो पर बसों की मियाद 6 वर्ष तय की गई है। साथ ही यह भी तय है कि पहाड़ी मार्गो पर रोडवेज बस 5 लाख किलोमीटर व मैदानों में 8 लाख किलोमीटर तक ही दौड़ाई जा सकती हैं।

निगम के पास बसें

कुल बसें - 1246

अनुबंधित बसें - 158

वॉल्वो - 42

एसी - 32

ऑर्डनरी - 84

कंडम बसें - 150

1 अप्रैल 2010 को हुआ था दोनों बसों का रजिस्ट्रेशन

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दोनों बसों की मियाद पूरी हो चुकी थी, परिवहन निगम के पास बसों की कमी है, ऐसे में इन बसों का संचालन करना मजबूरी है। जल्द ही कंडम बसों को नीलाम कर रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल की जाएंगी।

दीपक जैन, जीएम, रोडवेज

Posted By: Inextlive