- एक घायल को ऊर्जानगर स्थित ईसीएल अस्पताल लाया गया

- बचाव दल मौके पर पहुंचा, बिजली गुल होने से बढ़ी परेशानी

गोड्डा : राजमहल परियोजना में गुरुवार की देर शाम खदान धंस गई। इसमें करीब दो दर्जन लोगों के दबे होने की आशंका है। माइ¨नग सरदार हेमनारायण यादव को गंभीर स्थिति में ऊर्जानगर स्थित ईसीएल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना करीब 7.10 बजे हुई। करीब तीन सौ फीट में खदान धंसी है। नीचे से कोयला पहले ही निकाला जा चुका था। ऊपर सरफेस पर काम चल रहा था। दुर्घटना में करीब दो दर्जन वाहन तथा उसके चालक व खलासी दो सौ फीट से अधिक गहराई में गिर गए। मिट्टी काफी बड़े क्षेत्र में फैल गई है, जिससे लोगों को खोजने में परेशानी हो रही है। खदान धंसने से वहां मौजूद बिजली का पोल भी गिर गया। इससे आसपास की बिजली गुल हो गई। इस वजह से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है। बताया जाता है कि मिट्टी में दबने वाले अधिकतर लोग उत्तरप्रदेश व मध्य प्रदेश के हैं। सभी महालक्ष्मी आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी हैं।

जबरन हो रहा था काम

जानकारों की मानें तो जिस जगह पर दुर्घटना हुई है, वहां माइ¨नग सरदार ने काम करने से इन्कार कर दिया था। बाद में कंपनी के अधिकारियों के दबाव में वहां काम शुरू किया गया। इसी के बाद दुर्घटना हुई। उधर, दुर्घटना के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए ईसीएल व महालक्ष्मी कंपनी के अधिकारी वहां से गायब हो गए। सीआइएसएफ व जिला पुलिस के जवानों ने वहां मोर्चा संभाल रखा है। राजमहल एरिया के प्रभारी महाप्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि दुर्घटना हुई है, लेकिन जानमाल की क्षति हुई है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। एसडीओ संजय पांडेय ने बताया कि दो मशीनें धंस गई हैं। इसमें करीब 13 लोगों के फंसे होने की आशंका है। घटनास्थल पर एसडीपीओ राजा मित्रा, एसडीओ संजय पांडेय आदि पहुंच गए हैं।

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वर्जन :::

राजमहल खदान में दुर्घटना हुई है। अतिरिक्त पुलिस बल व अधिकारियों को वहां भेजा गया है। एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विशेष जानकारी ली जा रही है।

हरि लाल चौहान, एसपी गोड्डा

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इनसेट

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पहले के हादसे से नहीं ली सबक

- 26 सितंबर-2001 में हुई थी 12 लोगों ंकी मौत

जागरण संवाददाता, गोड्डा :

ईसीएल की राजमहल परियोजना में यह पहला हादसा नहीं है। पूर्व में इस तरह की घटना हो चुकी है, जब मिट्टी धंसने से लोगों को जान गंवानी पड़ी। मौके पर वाहन भी दबे हैं और जनता से लेकर वर्कर की मौत हो चुकी है। राजमहल परियोजना में 26 सितंबर 2001 की सुबह मिट्टी धंसने से एक साथ 12 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें नौ महिलाएं शामिल थीं। घटना के बाद राजमहल परियोजना में सुरक्षा पर सवाल उठे थे। मामले को लेकर दो प्राथमिकी भी ललमटिया थाना में दर्ज हुई थी। साथ ही कई अधिकारी निलंबित हुए थे। लेकिन, सुरक्षा खामियों की ओर से ध्यान दिया जाना चाहिए, वह नहीं दिया गया।

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टाइमलाइन

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- देर शाम लगभग 7.30 बजे- प्रोजेक्ट में मिट्टी धंसी

- 8 बजे- घटनास्थल की ओर अधिकारी रवाना

- 8.30 बजे- एसडीपीओ, एसडीओ, राजमहल एरिया के प्रभारी जीएम, ललमटिया पुलिस पहुंची

- 8.35 बजे- राहत एवं बचाव कार्य शुरू

- 8.45- सूचना मिलते ही मजदूरों के परिजन पहुंचे

Posted By: Inextlive