बाल संरक्षण गृह के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षक पर कर्मचारी ने लगाया गंभीर आरोप

शिकायत को संज्ञान में लेकर डीपीओ ने संप्रेक्षण गृह से किया संबद्ध

Meerut : मासूम के साथ कुकर्म, मासूम की पिटाई के बाद अब सूरजकुंड स्थित बाल संरक्षण गृह में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने तत्कालीन बाल संरक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक पर कुकर्म के प्रयास का आरोप लगाया है। जघन्य अपराध को संज्ञान में लेते हुए प्रभारी डीपीओ ने प्रभारी अधीक्षक को तत्काल संरक्षण गृह से हटाकर बाल संप्रेक्षण गृह में भेज दिया है।

कुकर्म के प्रयास का आरोप

सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालक) के तैनात चतुर्थ ने तत्कालीन प्रभारी अधीक्षक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लगातार दो बार रात्रि में संरक्षण गृह में बुलाकर कुकर्म का प्रयास किया। पीडि़त किसी तरह से बचकर निकला। प्रभारी अधीक्षक जो मूल रूप से केयर टेकर के पद पर तैनात है को मासूम के साथ कुकर्म की वारदात के बाद संरक्षण गृह के प्रभारी का चार्ज सौंपा गया। पीडि़त के मुताबिक 16 सितंबर को प्रभारी अधीक्षक ने फोन पर कॉल करके रात्रि में ड्यूटी के लिए संस्था (बाल संरक्षण गृह) बुलाया। जबकि पीडि़त का कहना है कि वो दिन की ड्यूटी कर चुका था। आरोप है कि रात्रि करीब 10 बजे शराब के नशे में पीडि़त को दबोच लिया और कुकर्म का प्रयास किया। पीडि़त ने जैसे-तैसे खुद को प्रभारी अधीक्षक के चंगुल से छुड़ाया। नौकरी जाने का डर था सो वो चुप रहा। अगले दिन 17 सितंबर को भी प्रभारी अधीक्षक ने उसे रात्रि में बुलाया और एक बार फिर कुकर्म का प्रयास किया।

डीपीओ से की शिकायत

पीडि़त ने प्रभारी डीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए शिकायत की और प्रभारी अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डीपीओ के समक्ष प्रभारी अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कर्मचारी ने कहा कि प्रभारी अधीक्षक संस्था में रह रहे अन्य बच्चों के साथ भी धिनौना कृत्य कर सकते हैं। प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए डीपीओ ने तत्काल उच्च स्तरीय जांच बैठाते हुए प्रभारी अधीक्षका को बाल संरक्षण गृह से हटा दिया और जेल रोड स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में केयर टेकर के पद पर भेज दिया। वहीं दूसरी ओर घटनाक्रम की जांच के दौरान की पीडि़त कर्मचारी नौकरी छोड़कर चला गया। विभाग पीडि़त की शिकायत की पुष्टि भी कर रहा है।

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प्रभारी अधीक्षक के खिलाफ चतुर्थश्रेणी कर्मचारी ने कुकर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। प्रकरण को संज्ञान में लेकर प्रभारी अधीक्षक को बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है। उच्च स्तरीय जांच में शिकायत संदिग्ध लगी, जिसकी पुष्टि की जा रही है।

-श्रवण कुमार गुप्ता, प्रभारी डीपीओ, मेरठ

Posted By: Inextlive