- बड़ी संख्या में सूची में जुड़ गए फर्जी नाम

- अनजाने में लोगों ने फायदा लेने के लिए दी गलत जानकारी

ALLAHABAD: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान के सर्वे में लोग फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आए। यह बात अब सामने आई है कि जान-बूझकर अधिक लाभ लेने के लिए टीम को फर्जी जानकारी दी गई। सोर्सेज का कहना है कि ग्रामीण एरिया में लाभार्थी परिवारों ने सदस्यों की संख्या बढ़ाकर बताई है। फिलहाल सर्वे में मिली जानकारी फीडिंग का काम चल रहा है।

पहले ग्रामीण एरिया में हुआ सर्वे

अभी तक आयुष्मान योजना में ग्रामीण एरिया का सर्वे किया गया है। 2.40 लाख लाभार्थी परिवारों के सदस्यों की संख्या तेरह लाख से अधिक पहुंच गई है। जबकि इसे शुरुआत में 12 लाख के आसपास माना जा रहा था। इसके बाद अब शहरी एरिया का सर्वे किया जा रहा है। उम्मीद के मुताबिक बीस लाख से अधिक लोग इस योजना से जिलेभर में लाभान्वित हो सकते हैं। हालांकि, विभाग का कहना है कि सदस्यों की संख्या अधिक जुड़वाने से कोई फायदा नही होने वाला है।

जरूरी नहीं था आधार इसीलिए

सर्वे के दौरान केंद्र सरकार ने लाभार्थी परिवारों के सदस्यों के आधार को अनिवार्य नहीं माना है। यही कारण है कि लोगों ने इसका फायदा उठाने में कोई कसर नही छोड़ी। नियमानुसार सर्वे में नए परिवारों को जोड़ा नहीं जा सकता है। अगर लाभार्थी परिवार नए सदस्य का नाम जुड़वा चुका है तो उसे हटाने की पावर स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। इसके लिए नई गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है।

इनकी दरियादिली को सलाम

शहरी एरिया में सर्वे के दौरान एक नई घटना सामने आई है। अशोक नगर के निवासियों ने ईमानदारी का परिचय देते हुए सर्वे टीम को वापस कर दिया। उनका कहना था कि यहां कोई भी इस योजना का लाभार्थी नहीं है। सभी लोग सक्षम हैं।

जो लोग गलत तरीके से सूची में अपना नाम जुड़वा चुके हैं उनको इसका कोई लाभ नहीं होगा। क्योंकि, सरकार लाभार्थी परिवार को सहायता करेगी। सदस्य कितने हैं इसका कोई असर नही होगा।

-डॉ। एके तिवारी, एसीएमओ, स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive