किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू के छह सीनियर्स पर रैगिंग करने का आरोप सही साबित हुए हैं.

- जांच में रैगिंग की पुष्टि, चार एमबीबीएस छात्र सस्पेंड

- चार मेडिकोज को तीन माह के लिए हॉस्टल व कोर्स से सस्पेंड किया गया

- दो को कड़ी चेतावनी, पैरेंट्स को देना होगा रैगिंग न करने का एफीडेविट

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था रैकिंग मामले का खुलासा

sunil.yadav@inext.co.in
LUCKNOW : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू)) के छह सीनियर्स पर रैगिंग करने का आरोप सही साबित हुए हैं। चीफ प्रॉक्टर ने सभी के कॉल डिटेल निकलवाए जिससे इसकी पुष्टि हुई है। जिसके बाद मामले की जांच कर रही छह सदस्यीय कमेटी की संस्तुति पर चार सीनियर्स को तीन माह के लिए कोर्स व हॉस्टल से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही दो को कठोर चेतावनी जारी की है। ताकि भविष्य में रैगिंग पर लगाम लगाई जा सके।

इन पर कार्रवाई
केजीएमयू प्रशासन ने 2017 बैच के हरदीप सिंह राना, गुलाम हसन, राम प्रवेश गुप्ता और अनिमेष तरैया को दोषी पाते हुए उन्हें तीन माह के लिए कोर्स और हॉस्टल से सस्पेंड किया है। मतलब इस अवधि में न तो वे क्लास अटेंड कर सकेंगे और न ही हॉस्टल में रह सकेंगे। मतलब ये अपने बैचमेट से तीन माह पीछे हो जाएंगे। इसके अलावा अंचल जैन और उत्कर्ष गंगवार को कठोर चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा सभी से कहा गया है कि उनके पैरेंट इस बात का एफीडेविट दें कि ये छात्र भविष्य में रैगिंग नहीं करेंगे। दोबारा रैगिंग करते पाए जाने पर उन्हें कोर्स से निष्कासित कर दिया जाएगा।

दिये थे जांच के आदेश
केजीएमयू के न्यू चक्रवर्ती हॉस्टल में फोन और हॉस्टल के पीछे स्थित खिड़की से बुलाकर जूनियर्स की रैगिंग की जा रही थी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसका खुलासा किया था। इसके साथ ही मेडिकोज ने भी आठ अक्टूबर को एंटी रैगिंग सेल के साथ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को ईमेल भेज कर रैगिंग करने और अश्लील साहित्य को याद करने का दबाव डालने की जानकारी देते हुए शिकायत की थी। जिसमें छह मेडिकोज के नाम लिखते हुए उन पर देर रात में फोन कॉल और वीडियो कॉल करके रैगिंग करने का आरोप लगाया था। मामले में केजीएमयू प्रशासन ने 15 अक्टूबर को जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जिसमें सभी आरोपी सीनियर छात्र दोषी पाए गए हैं।

डिलीट कराए कॉल डिटेल
शिकायत होने और खबर छपने के बाद जांच कमेटी बैठी और केजीएमयू के अधिकारियों ने हॉस्टल में छापा मारा तो सीनियर्स में हड़कंप मच गया। जांच कमेटी के सदस्यों ने आरोपियों को बुलाया और जूनियर्स के मोबाइल खंगाले तो पता चला कि सीनियर्स ने सभी जूनियर छात्रों की फोन कर कॉल डिटेल डिलीट करा दी है। रैगिंग की दहशत इतनी थी कि कोई भी जूनियर छात्र सीनियर्स के नाम बताने को राजी नहीं हुआ जबकि जांच टीम के बाद शिकायतों की लिस्ट थी।

कॉल डिटेल से मिली जानकारी
चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएएस कुशवाहा की टीम ने पुलिस से संपर्क कर सभी आरोपियों की दो माह की कॉल डिटेल निकलवाई तो उनके होश उड़ गए। आरोपी छात्र जूनियर्स से रोजाना रात में कई बार कॉल करके रैगिंग करते थे। कॉल डिटेल से पता चला कि आरोपियों ने रात 10 से सुबह चार बजे के बीच कई कई बार फोन किए और छात्रों को रैगिंग से संबंधित निर्देश दिए। एक छात्र ने एक रात में ही करीब 12 मेडिकोज को फोन किया। इसमें एक छात्र से तीन बार में डेढ़ घंटे और दूसरे से एक बार में 38 मिनट बात हुई। जूनियर्स के नंबरों की जांच की गई तो पता चला कि कई कई बार उनके साथ रात 10 बजे से सुबह तीन बजे तक लगातार कॉल करके परेशान किया गया। एक सीनियर ने फोन रखा तो दूसरे की कॉल आ जाती।

वीडियो कॉल का लेते थे सहारा
मेडिकोज ने आरोप लगाया था कि सीनियर्स जूनियर छात्रों के नंबर पर कॉल करके उनकी रैगिंग करते थे। ज्यादातर कॉल्स रात में होती थी और सीनियर आदेश देते थे। पकड़े न जाएं इसके लिए वाट्सएप के द्वारा ऑडियो और वीडियो कॉल का भी प्रयोग किया जाता था। कॉल के द्वारा हॉस्टल में छात्रों को एक कमरे में एकत्र कर उनसे डांस करने, कपड़े उतारने, मुर्गा बनने, अश्लील साहित्य रटने का दबाव डालते थे।

ले लिये नए सिम
मेडिकोज ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को भेजी ईमेल में कहा था कि बहुत से सीनियर्स ने नए डुप्लीकेट सिम ले लिए हैं और रात में कॉल करके वे सभी से कॉल डिटेल और वाट्सकॉल लॉग को डिलीट करने का दबाव डाल रहे हैं। मेडिकोज ने बताया कि बहुत से मेडिकोज ने डर के कारण डिटेल को डिलीट भी कर दिया था। लेकिन कॉल डिटेल में सब साबित हो गया। जांच के दौरान कई छात्रों के मोबाइल में अश्लील साहित्य भी बरामद हुआ। जिसे 24 घंटे में रटकर सुनाने के आदेश दिए गए थे।

एंटी रैगिंग गाइडलाइंस का कठोरता से पालन कराया जा रहा है। जो दोषी पाए गए हैं उन्हें दंडित किया गया है। आगे भी जो रैगिंग करता पाया गया उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- प्रो। आरएएस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू

Posted By: Inextlive