- करोड़ों का बिजली बिल मुफ्त में दे रहे हैं हॉस्टलों के स्टूडेंट

- सात लाख रुपए से ज्यादा हो रहा है हॉस्टल फीस में नुकसान

- स्टूडेंट्स की डिमांड है कि हॉस्टल आबंटित हो

PATNA : पटना यूनिवर्सिटी के पास दो दर्जन हॉस्टल हैं। पटना कॉलेज के हॉस्टल सबसे ज्यादा चर्चित रहते हैं। इन हॉस्टलों में कभी स्टूडेंट्स आपस में भिड़ते हैं तो कभी कैंपस में। स्टूडेंट्स के बीच मामूली विवाद भी दो हॉस्टलों के बीच जंग का रूप ले लेता है। रोड़ेबाजी, बम-ट्यूब आदि मामूली बात है। हॉस्टलों में बिना आबंटन के चार-पांच सौ स्टूडेंट रह रहे हैं। इनका कोई चेक बैंलेंस नहीं है। कैंपस में हंगामे के बाद स्टूडेंट हॉस्टलों के चोर दरवाजे व खिड़कियों से बाहर निकल जाते हैं।

पटना कॉलेज के पास पांच हॉस्टल

पटना कॉलेज कैंपस में पांच हॉस्टल हैं। ये हॉस्टल ऐतिहासिक हैं। इन हॉस्टलों की आयु औसतन सौ वर्ष से ज्यादा है। नदवी हॉस्टल को छोड़कर बाकी सभी हॉस्टल को यूनिवर्सिटी ने ऐतिहासिक बताते हुए इसे रिपेयरिंग करने के लिए खाली करवाया था। मई-जून ख्0क्ब् में जीरो सेशन में इकबाल हॉस्टल, मिंटो हॉस्टल, जैक्सन हॉस्टल एवं न्यू हॉस्टल को खाली कराया गया। खाली होने के बाद रिपेयरिंग वर्क होना था। इकबाल में रिपयेरिंग वर्क पूरा हो चुका है।

मेन गेट में ताला बैक डोर से एंट्री

पटना कॉलेज के चारों हॉस्टल में इकबाल, मिंटो, जैक्सन एवं न्यू हॉस्टल स्टूडेंट्स को आंवटित नहीं है। स्टूडेंट्स इन हॉस्टलों में बिना किसी भय के रह रहे हैं। इन हॉस्टल के मेन गेट्स पर प्राय: ताला लगा रहता है। स्टूडेंट्स खिड़की एवं अन्य बैक डोर से कैंपस में एंट्री करते हैं।

खिड़की के रॉड गायब

हॉस्टलों में या कैंपस में हंगामे के बाद पुलिस की रेड से बचने के लिए हॉस्टलर्स ने कई तरह के इंतजाम किए हैं। खिड़कियों के रॉड गायब हैं। स्टूडेंट गेट को बाहर से ताला लगाकर रखते हैं। छापेमारी के दौरान स्टूडेंट्स इन खिड़कियों के सहारे सुरक्षित निकल जाते हैं। कई खिड़कियों के पास तो सीढ़ी की भी व्यवस्था रहती है।

स्टूडेंट्स ने बाहर भी रखा है हॉस्टल

हंगामा के समय पुलिस से बचने के लिए स्टूडेंट्स ऑफ कैंपस लॉज या हॉस्टल में जाकर रहते हैं। कैंपस के बाहर कई स्टूडेंट मिलकर एक रूम रखते हैं जिसे इमरजेंसी में यूज करते हैं।

यूनिवर्सिटी को लग रहा लाखों का चुना

स्टूडेंट्स को हॉस्टल्स लीगल रूप में आवंटित होने पर क्800 रुपए के करीब हॉस्टल फीस के रूप में जमा करना पड़ता है। इन हॉस्टलों में औसतन सौ सीट है। चारों हॉस्टल मिलकर चार सौ के करीब सीट है। हॉस्टल फी के रूप में साल में सात लाख रुपए से ज्यादा की राशि यूनिवर्सिटी के एकाउंट में जाती है।

मुफ्त में पीयू पर करोड़ों का कर्ज

लीगल हो या इलीगल स्टूडेंट्स के हॉस्टलों में बिजली की बर्बादी आम बात है। यूनिवर्सिटी के ऑफिसर्स के मुताबिक हाल में स्टेट गवर्नमेंट ने बिजली के मद में बहुत बड़ी राशि यह कहते हुए भुगतान किया कि इसके बाद इस मद में आवंटन नहीं मिलेगा। इसके बाद अकेले यूनिवर्सिटी के इन हॉस्टलों पर ढाई करोड़ रुपए का बकाया हो चुका है। यूनिवर्सिटी के ऑफिसर्स ने बताया कि हॉस्टलों में स्टूडेंट निडर होकर हीटर पर खाना बनाते हैं। ठंड से बचने के लिए भी स्टूडेंट हीटर का यूज करते हैं।

हंगामा लॉ इन ऑर्डर का मामला

पटना कॉलेज के प्रिंसिपल कॉलेज कैंपस में हिंसक वारदातों से परेशान हैं। कैंपस में हिंसक झड़पों के विरोध में कई बार क्ख् घंटे के उपवास पर रह चुके हैं। डॉ एनके चौधरी हॉस्टल में हिंसक गतिविधियों को लॉ इन ऑर्डर का मामला मानते हैं।

स्टूडेंट्स चाहते हैं हॉस्टल में आवंटन

एआईएसएफ के स्टेट सेक्रेटरी सुशील कुमार ने पीयू एडमिनिस्ट्रेशन पर हॉस्टल रिपेयरिंग एवं आबंटन की नीति गलत अपनाने का आरोप लगाया है। आठ-नौ माह बाद भी रिपेयरिंग के नाम पर हॉस्टल खाली कराया गया है। इन हॉस्टलों का आजतक आवंटन नहीं हो पाया है। वहीं छात्र राजद के उपाध्यक्ष राज सिन्हा ने कहा कि बार-बार हॉस्टलों में अवांछित तत्वों के रहने की बात आती है। हम स्टूडेंट्स भी इसके खिलाफ हैं। सही स्टूडेंट्स को हॉस्टल का आबंटन हो। हॉस्टल में रहने वाले गलत तत्वों पर एडमिनिस्ट्रेशन एक्शन ले।

Posted By: Inextlive