अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा ने राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किया है ।

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LUCKNOW: अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉक्टर अनीता भटनागर जैन ने कहा कि परीक्षा कक्ष में न्यूनतम दो कैमरे अवश्य लगाये जायें। सीसीटीवी की निगरानी में ही प्रश्न पत्रों का वितरण किया जाए। साथ ही जहां परीक्षा कक्ष या हॉल का आकार सामान्य से बड़ा है तो दो से अधिक कैमरे इस प्रकार स्थापित किये जायें कि सम्पूर्ण परीक्षा कक्ष स्पष्ट रूप से कैमरों की कवरेज में आ जाए। प्रत्येक कैमरा वॉयस रिकॉर्डर युक्त होना चाहिये और कैमरे की रिकॉर्डिंग कम से कम 60 दिनों तक सुरक्षित रखी जाये। साथ ही छात्राओं के लिए स्वकेंद्र प्रणाली लागू रहेगी। यह संभव न होने पर पांच किमी की परिधि में केंद्र आवंटित करना होगा। स्वकेंद्र में अतिरिक्त केंद्राध्यक्ष के साथ कम से कम 50 फीसद स्टाफ भी बाहरी होना अनिवार्य होगा।
सबका रखें पूरा ब्योरा
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि परीक्षा कक्ष के द्वार पर ए-फोर साइज के पेपर पर परीक्षा कक्ष में तैनात कक्ष निरीक्षकों के फोटोयुक्त विवरण यथा-नाम, पदनाम, अध्यापन का विषय आदि का विवरण प्रत्येक पाली में चस्पा किया जाए। परीक्षा केंद्रों का आंवटन केवल ऑनलाइन होगा। निश्चित तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। आवेदन के समय नियमावली में वांछित सभी सूचनाएं देनी होगी। जिन महाविद्यालयों द्वारा निर्धारित समय से पूर्व प्रश्न पत्रों के प्रकटन अथवा प्रश्नपत्रों की चोरी अथवा गोपनीयता भंग की गयी हो और परीक्षा समिति द्वारा उन्हें इस कारण से डिबार किया गया हो, उनको न्यूनतम तीन वर्ष परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा यह प्रमाणित किया जाएगा कि एक ही प्रबंधक द्वारा संचालित एक से अधिक महाविद्यालय के छात्र व छात्राओं का परीक्षा केंद्र उसी प्रबंधक के अधीन संचालित अन्य महाविद्यालयों पर नहीं आवंटित किया गया है। इसी तरह एक ही प्रबंध तंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर उसी प्रबंध तंत्र में संचालित महाविद्यालय के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगायी जाएगी।
तय की गयी गाइडलाइन
- महाविद्यालयों की अवस्थापना की स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए ही उन्हें परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा
- प्रश्नपत्र और उत्तर पत्र सुरक्षित रखने को न्यूनतम दो लोहे की अलमारियां सहित स्ट्रांग रूम होना जरूरी
- केंद्र बनाए जाने वाले महाविद्यालयों के चारों तरफ चहारदीवारी, मुख्य द्वार पर लोहे का गेट जरूरी
- जिन महाविद्यालय परिसर में प्रबंधक अथवा प्राचार्य के आवास हैं, उन्हें केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
- जिन महाविद्यालयों की प्रबंध समिति में विवाद हो, उन्हें किसी हाल में परीक्षा केंद्र न बनाया जाए
- किसी भी दशा में खुले मे अथवा तंबू-कनात लगाकर परीक्षा आयोजित न की जाए।

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Posted By: Shweta Mishra