- कमिश्नर ने दिया प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए हेल्पडेस्क बनाने का निर्देश

- प्रॉपर्टी की खरीद से पहले छानबीन के लिए नहीं लगाने होंगे विभागों के चक्कर

जमीन खरीदना हर मध्यमवर्गीय परिवार का सपना होता है। मगर सपने खटाई में पड़ जाते हैं जब प्रापर्टी डीलर या दलालों के चक्कर में वह अपनी गाढ़ी कमाई विवादित संपत्ति में फंसा देते हैं। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने आम आदमी की इस मुश्किल को आसान करने की पहल की है। उन्होंने वीडीए को निर्देश दिया है कि मुख्यालय के साथ ही सभी जोन कार्यालयों पर हेल्प डेस्क बनाए जाएं ताकि लोगों को प्रॉपर्टी का स्टेटस पता लगाने में दौड़ना न पड़े।

लोग बन जाते हैं आसान शिकार

डीएम, एसएसपी, एडीएम कार्यालयों और तमाम सीओ कार्यालयों के आंकड़े देखें तो यहां सबसे ज्यादा मामले जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित आते हैं। अधिकतर शिकायतें जमीन की बिक्री में धांधली, एक ही प्रॉपर्टी दो लोगों को बेचने या बेचने के बाद कब्जा नहीं देने से संबंधित होती है। ऐसे प्रकरणों में सबसे ज्यादा भोलेभाले लोग शिकार बनते हैं। इसके बाद वह कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते रह जाते हैं।

एक ही जगह मिलेगा सारा समाधान

कमिश्नर ने वीडीए के अफसरों को निर्देश दिया है कि वीडीए कार्यालय समेत सभी जोन कार्यालयों में हेल्पडेस्क बनाई जाए। इसका काम सभी कॉलोनियों, जमीनों और प्रॉपर्टी की कुंडली बनाना होगा। कौन सी जमीन विवादित है या मुकदमे में है। जमीनों का असली मालिकाना हक किसका है। इसके अलावा शहर में बन रहे अपार्टमेंट के नक्शे, निर्माण, कालोनियों के मानचित्र आदि का सारा ब्योरा भी इस हेल्पडेस्क पर उपलब्ध कराया जाए।

अवैध कॉलोनियों पर भी शिकंजा

कमिश्नर ने जिलेभर में बन गई अवैध कॉलोनियों पर भी बेहद नाराजगी जताई है। उन्होंने इसके लिए वीडीए के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि कॉलोनियां एक रात में नहीं बनी होंगी। जाहिर है अफसरों ने अपना काम ठीक ढंग से नहीं किया है।

यह मिलेगी जानकारी

- जमीन का दाखिल-खारिज, मालिकाना किसके नाम से है

- 10 साल और 20 साल का मुआयना

- जमीन का पिछला मालिक, उससे पहले के मालिक

- जमीन पर कोई विवाद-मुकदमा

- जमीन या प्रॉपर्टी पर कोई देनदारी, लोन इत्यादि

- जमीन का नक्शा, रास्ता आदि की जानकारी

- जमीन सरकारी है, कृषि या व्यावसायिक भूमि आदि

बयान

अवैध कॉलोनियों पर नकेल और भूमाफिया पर निगरानी के लिए वीडीए को निर्देश दिए गए हैं। हेल्पडेस्क के माध्यम से आम लोगों की समस्या का काफी हद तक समाधान होगा।

दीपक अग्रवाल, कमिश्नर वाराणसी

Posted By: Inextlive