Jamshedpur: क्या सिटी की हाई प्रोफाइल महिलाओं को ही डर लगता है या फिर एडमिनिस्ट्रेशन को वैसे लोगों की सिक्योरिटी का ही ख्याल है जिनकी पहुंच ऊपर तक है. एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जारी किए गए लाइसेंस्ड आम्र्स की लिस्ट देखने पर तो यही लगता है. सिटी में कुछ गिनी-चुनी महिलाओं के पास ही लाइसेंस्ड आम्र्स हैं. अगर आपकी पैरवी हो तो हाउस वाइफ को भी तीन लाइसेंस्ड आम्र्स मिल सकते हैं. सिटी में आम्र्स के लिए जमा किए गए एप्लीकेशन्स में से महिलाओं के 50 एप्लीकेशन्स पेंडिंग हैं.

केवल 16 महिलाओं के पास ही है licensed arms
ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट बनने के बाद से सिटी में हजारों लोगों को आम्र्स लाइसेंस इश्यू किए गए हैं, लेकिन इनमें महिलाओं की संख्या न के बराबर है। इन्फॉर्मेशन के मुताबिक सिटी में अब तक केवल 16 महिलाओं को ही आम्र्स लाइसेंस इश्यू किए गए हैं। इनमें से कुछ तो खुद ही बड़ी हस्ती हैं तो ज्यादातर को अपने हसबेंड या फैमिली बैकग्राउंड का बेनिफिट मिला है।

मेनका सरदार और आभा महतो के पास भी हैं licensed arms
इसके अलावा पोटका की एमएलए मेनका सरदार, शैलेन्द्र महतो की वाइफ व फॉर्मर एमएलए आभा महतो, फॉर्मर एमएलए हसन रिजवी की वाइफ सहित सिटी की ऐसी ही 16 महिलाओं के नाम से आम्र्स के लाइसेंस इश्यू किए गए हैं। सिटी में अब तक जितनी भी महिलाओं को आम्र्स का लाइसेंस इश्यू किया गया है, उनकी पैरवी अच्छी है या फिर वे बड़े ओहदे पर हैं। उन्हें किसी सिक्योरिटी थ्रेट के कारण लाइसेंस नहीं इश्यू किया गया है।

एक साल से 22 महिलाओं के applications हैं pending
आम्र्स लाइसेंस के लिए या तो महिलाएं सामने नहीं आती और अगर वे सामने आती भी हैं तो उनके एप्लीकेशन को नजरंदाज कर दिया जाता है। इस कारण उनके एप्लीकेशन पेंडिंग पड़े हुए हैं। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के पास वैसे तो आम्र्स लाइसेंस के लिए सैकड़ों एप्लीकेशन पेंडिंग हैं, जिनमें से लगभग 50 महिलाओं के हैं। इनमें 20 से 22 ऐसी महिलाओं के एप्लीकेशन हैं, जो पिछले एक साल से फाइलों में बंद हैं। इसका कारण यह है कि ये सो-कॉल्ड हाई प्रोफाइल कम्यूनिटी से बिलांग नहीं करती हैं और न ही इनका बैकअप ही मजबूत है।

बन्ना गुप्ता की वाइफ के नाम पर तीन lisenced arms
इन्फॉर्मेशन के मुताबिक कांग्रेस एमएलए बन्ना गुप्ता की वाइफ के नाम से तीन लाइसेंस्ड आम्र्स हैं। ये लाइसेंस उन्हें इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने से ठीक पहले ही इश्यू किए गए हैं। इस बात से यह समझना मुश्किल है कि आखिर लाइसेंस देने में इतनी जल्दबाजी का क्या औचित्य था। कांग्रेस एमएलए बन्ना गुप्ता की वाइफ के नाम रिवाल्वर, गन और राइफल का लाइसेंस है। सवाल यह है कि हाउस वाइफ होने के बावजूद बन्ना गुप्ता की वाइफ सुधा गुप्ता को तीन आम्र्स जरूरत क्यों पड़ी?

किसी भी व्यक्ति को मैक्सिमम तीन लाइसेंस इश्यू किए जाते हैं। लाइसेंस इश्यू करने के पहले कई प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं। अगर एडमिनिस्ट्रेशन आश्वस्त हो जाता है कि संबंधित व्यक्ति को लाइसेंस दिया जा सकता है, तो उसे लाइसेंस इश्यू कर दिया जाता है।
-अनिल कुमार राय, आम्र्स मजिस्ट्रेट, ईस्ट सिंहभूम

 

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Posted By: Inextlive