RANCHI : चक्रवातीय तूफान 'हुदहुद' का खतरा मंडरा रहा है। अगले 72 घंटे तक इस तूफान का कहर लोगों को झेलना पड़ सकता है। वैसे तो आंध्रप्रदेश में हुदहुद का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा, पर ओडि़शा के साथ झारखंड के भी कुछ इलाकों में भी हुदहुद का असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में इस तूफान की वजह से जान-माल का नुकसान नहीं हो, प्राकृतिक आपदा विभाग पूरी तरह अलर्ट है। हुदहुद से बचाव को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है।

तैयार रहने का निर्देश

झारखंड में हुदहुद का सबसे ज्यादा असर जमशेदपुर में पड़ने की आशंका है, ऐसे में गुरूवार को पूर्वी सिंहभूम के डीसी अमिताभ कौशल ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें आने वाले चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। उन्होंने पदाधिकारियों को कहा है कि जिस दिशा से तूफान आने की आशंका है, वहां रहनेवाले लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं.उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर तूफान आता है, उससे जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हो, इसके लिए सभी सरकारी कर्मचारी अलर्ट रहें।

तैयार है शेल्टर होम

डीसी ने जमशेदपुर के सभी शेल्टर होम में पहले से ही पूरी तैयारी करने का आदेश दिया है। चक्रवातीय तूफान आने की स्थिति में जो लोग प्रभावित होते हैं, उन्हें राहत और सहायता पहुंचाने के लिए शेल्टर होम में लोगों को रहने और खाने -पीने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है।

लौट गई एनडीआरएफ की टीम

चक्रवातीय तूफान हुदहुद को लेकर बुधवार को जमशेदपुर आई एनडीआरएफ की टीम गुरुवार को वापस लौट गई। इस टीम ने वैसे इलाकों का जायजा लिया, जहां इस तूफान का सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है। टीम के लोगों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की।

हो सकता है बिजली संकट

हुदहुद की वजह से चलनेवाली तेज हवा और मूसलाधार बारिश के मद्देनजर बिजली संकट पैदा हो सकता है। ऐहतियात के तौर पर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट बिजली आपूर्ति को बंद कर सकती है, ताकि तूफान की वजह से किसी तरह का नुकसान नहीं हो। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में आए फॉलिन की वजह से कई पोल और तार गिर गए थे, जिस कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। ऐसे में इस बार भी लोगों को यह डर सता रहा है कि अगर तेज हवा और बारिश हुई तो बिजली संकट झेलना पड़ सकता है।

आज से दिखेगा असर

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र से आनेवाले इस तूफान का पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में बहने का अनुमान है, जहां इसकी गति सबसे तेज होगी। इस चक्रवातीय तूफान से झारखंड के भी कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है। आंध्र प्रदेश में तूफान का असर शुक्रवार से ही देखने को मिलने की आशंका है, जबकि 12 अक्टूबर के आसपास यह झारखंड में सक्रिय रुप से प्रवेश करेगा। यहां इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिणी और मध्य इलाके में देखने को मिल सकता है। देश के तटीय क्षेत्रों में 80 किमी की रफ्तार से प्रवेश करने वाला यह तूफान झारखण्ड आते-आते 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील हो जाएगा।

Posted By: Inextlive