मकर संक्रांति पर प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने एनआईटी घाट पहुंचा डीजे आई नेक्स्ट

PATNA :

दो साल पहले मकर संक्राति के दिन पटना में नाव दुर्घटना हुई थी। आज भी वह दृश्य लोगों के जेहन में छाया हुआ है। गंगा पार दियारा में पतंग उत्सव मनाकर लौट रहे सैकड़ों लोगों से भरी नाव गंगा की तेज धारा समा गई। इस हादसे में 24 लोग काल के गाल में समा गए। संक्रांति से एक दिन पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम एनआईटी घाट जाकर मुआयना किया तो आज भी घाट पर नाविक लिकेज नाव में ओवरलोडिंग कर नाव चला रहे थे। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर नाविक ने कहा हम लोग लाइसेंसी है। चला सकते। जिला प्रशासन द्वारा नाविकों की मनमानी पर लगाम नहीं लगाया गया तो फिर से दो साल पहले जैसी घटना फिर हो सकती है।

उत्सव बदल गया था मातम में

नाविक - कोई पहली बार थोड़े चला रहा हूं।

साल 2017 में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित पतंग उत्सव में 30 हजार लोग शामिल हुए थे। लोगों को गंगा पार कराने के लिए प्रशासन की ओर से 15 नाव की व्यवस्था की गई थी। सैकड़ों लोगों से भरी नाव जैसे ही गंगा की बीच धारा में पहुंची, नाव में पानी भरने लगा और नाव पलट गई। 24 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। बताते चलें कि मौके पर पुलिस प्रशासन होने के बाद भी ओवरलोडिंग करने वाले नाविकों को रोका नहीं गया। गंगा उत्सव मातम में बदल गया था।

सुरक्षा की नहीं है व्यवस्था

दो साल बाद मकर संक्रांति से पहले डीजे आई नेक्स्ट की टीम एनआईटी घाट पहुंची तो स्थानीय लोग नाव हादसे की चर्चा करते नजर आए। दूसरी तरफ लिकेज नाव में नाविक ओवर लोडिंग कर लोगों को गंगा पार कराने में लगे हुए थे। जब रिपोर्टर ने पूछा कि नाव पर जरूरत से ज्यादा सवारी क्यों बैठा रहे हो तो उसने कहा कि नाव पर कितना लोड करना है और किस तरह नाव चलना इससे मैं वाकिफ हूं। मेरे पास लाइसेंस है। मजे कि बात तो ये है कि एनआईटी घाट पर्यटन स्थल है इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से वहां एक भी सिपाही तैनात नहीं किया गया है।

नाविक महेन्द्र और रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत के अंश

रिपोर्टर - नाव में पानी भर गया है क्या?

नाविक - कभी-कभी पानी भर जाता है।

रिपोर्टर- कोई खतरा तो नहीं रहता है।

रिपोर्टर -दो साल पहले हादसा हुआ था इसलिए पूछ रहा हूं।

नाविक- वो खराब नाव थी इसलिए हादसा हुआ था।

रिपोर्टर - इस बार चलाएंगे क्या?

नाविक - प्रशासन की ओर से तो रोक है लेकिन ग्रामीणों को तो पार ले जाना ही पड़ेगा।

रिपोर्टर - इसका मतलब आप लोग मकर संक्रांति पर नाव चलाएंगे।

नाविक - उस दिन देखा जाएगा।

Posted By: Inextlive