-खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा जून में जांच के लिए भेजा गया था सैंपल

-अरहर की दाल में मिला सिंथेटिक कलर, मिठाई में एल्युमिनियम लीफ

ALLAHABAD: लूज ही नहीं, ब्रांडेड सब्जी मसालों में भी तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है। इस बार गोल्डी मीट मसाले में सोडियम क्लोराइड की अधिक मात्रा पाई गई है। जो उपयोग करने वालों को नुकसान करना सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसी साल जून में शहर के एक मिष्ठान भंडार से मसाले का सैंपल लैब भेजा था, जो जांच के बाद फेल पाया गया है।

पांच फीसदी से अधिक

छह जून 2015 को जारी बाजार स्थित चौरसिया मिष्ठान भंडार से गोल्डी मीट मसाला का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जानकारी के अनुसार इसकी मात्रा पांच फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन रिपोर्ट में यह 5.23 फीसदी पाया गया है। मसालों में सोडियम क्लोराइड की अधिक मात्रा किडनी, हार्ट और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। रिपोर्ट फेल होने के बाद कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।

जानलेवा बीमारियों को दावत

खाद्य सुरक्षा विभाग ने फूलपुर से बाबूलाल सकौड़ा भंडार से मिठाई का सैंपल जांच के लिए भेजा था, जिसकी रिपोर्ट भी अनसेफ आई है। मिठाई में लगे सिल्वर लीफ की जांच में एल्युमिनियम की मात्रा पाई गई है। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे पाचन तंत्र बुरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही कैंसर होने की संभावना भी बनी रहती है।

दाल में मिलाया सिंथेटिक कलर

लीडर रोड स्थित नटराज शाकाहारी भोजनालय से पकी हुई अरहर की दाल का नमूना जांच ककेलिए भेजा गया था। इसमें भी सिंथेटिक कलर पाया गया है। यह भी गुर्दे और लीवर फेल्योर के साथ कैंसर को दावत देने के लिए काफी है। कटघर स्थित राज नमकीन भंडार से भेजे गए नमकीन के सैंपल में नियमों का उल्लंघन पाया गया है। इसके पैकेट में मानक के अनुरूप मैनुफैक्चरर का नाम-पता, नेट वेट और इनग्रेडिएंट्स की जानकारी अंकित नहीं थी।

बॉक्स

हो सकती है दस साल तक की सजा

गोल्डी मसाले कंपनी को सैंपल फेल होने पर जहां नोटिस भेजने की तैयारी हो रही है वहीं जांच रिपोर्ट अनसेफ मिलने पर संबंधितों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। बताया जाता है अनसेफ मामलों में दोषी को पांच लाख रुपए तक जुर्माना और दस साल तक की सजा हो सकती है। जांच में सब स्टैंडर्ड पाए जाने पर भी जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी हो सकती है।

वर्जन

गोल्डी मीट मसाला का सैंपल फेल होने पर कंपनी को नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बाद न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। दाल और मिठाई का सैंपल भी फेल हुआ है। अनसेफ पाए जाने पर दस साल तक की सजा हो सकती है।

हरिमोहन श्रीवास्तव, डीओ, खाद्य सुरक्षा विभाग

Posted By: Inextlive