केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने विशेषज्ञों के साथ बैठक की...


PATNA: मुजफ्फरपुर समेत राज्य के दूसरे एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) प्रभावित जिलों में सरकार अगले वर्ष से मध्याह्न भोजन योजना की तर्ज पर बच्चों के लिए शाम की भोजन योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने पटना एम्स और आरएमआरआइ के पदाधिकारियों और डॉक्टरों के साथ एईएस के कारणों और इसके निदान को लेकर समीक्षा बैठक की। बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उनका सुझाव था कि अगले वर्ष से बच्चों को दो महीने के लिए इवनिंग मील देने की व्यवस्था पर विचार हो साथ ही उन्हें पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज, ओआरएस देने की व्यवस्था भी हो। बैठक में जानलेवा एईएस को लेकर गठित केंद्रीय मेडिकल जांच टीम की जांच और शोध पर विस्तार से चर्चा की गई।

प्रमुख संस्थानों में भेजा गया सैंपल
विशेषज्ञों की राय थी कि हाइपोग्लाइसीमिया एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके कारण प्रभावित बच्चों में शुगर की 90 फीसद तक की कमी पाई गई। देश के सभी प्रमुख जांच संस्थानों में पीडि़त बच्चों का सीरम और सीएसएफ (रीड की हड्डी से संबंधित जांच) का सैंपल भेजा गया। साथ ही मसल्स का टुकड़ा निकालकर सेल डैमेज जांच के लिए भी भेजा गया। मंत्री ने चीजों को समझने के बाद निर्देश दिए कि अगले वर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा आइसीयू बनाए जाएं। दो महीने पड़ने वाली भीषण गर्मी में जिलों में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और ओआरएस की व्यवस्था की जाए। बैठक में पटना एम्स के निदेशक, उप निदेशक, मेडिकल सुपरीटेंडेंट सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख आदि शामिल हुए।

Posted By: Inextlive