- लंबे प्रयास के बाद भी डीएलएड की सीटें फुल करने में पीछे रह गया परीक्षा नियामक

- तीन चरण में दाखिले की प्रक्रिया के बाद भी गाजीपुर में सर्वाधिक सीटें रही खाली

ALLAHABAD: एक सत्र शून्य होने के बाद इस बार डीएलएड यानी पूर्व में बीटीसी में एडमिशन को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी भी बेहद उत्साहित थे, लेकिन तीन चरणों में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई। डीएलएड 2017 की कुल 4380 सीटें अब तक खाली रह गई है। इन सीटों में ज्यादातर सीटें पूरब व पश्चिम के जिलों में स्थित 186 कालेजों की है। इसमें भी सबसे अधिक सीटें गाजीपुर जिले क 84 कालेजों की है। पश्चिम के मेरठ, मुजफ्फरनगर समेत कई जिले ऐसे है, जहां बड़ी संख्या में सीटें खाली हैं। ऐसे में अधिकारियों को भी समझ नहीं आ रहा है कि इन सीटों पर दाखिले के लिए क्या करें।

विशेष वर्ग को मिला था अतिरिक्त मौका

डीएलएड में दाखिले की प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा किया गया था। जिसमें खास बात यह थी कि विशेष आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इस बार अतिरिक्त मौका दिया गया था। उसके बाद भी सूबे में कुल 33116 सीटें खाली रह गई थी। इस बारे में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ। सुत्ता सिंह ने बताया कि इन सीटों को भरने के लिए सभी सीटें सामान्य घोषित करके बीते 27 से 29 अक्टूबर तक अभ्यर्थियों से विकल्प मांगे थे। सीटों के सापेक्ष इस बार अभ्यर्थियों को विकल्प नहीं दिए गए थे। ऐसे में 33116 सीटों के सापेक्ष केवल 28736 को ही कालेज आवंटित हो सके और 4380 सीटें खाली गई हैं। सचिव की मानें तो कुल सीटें दो लाख 900 में से एक लाख 97 हजार 620 सीटों के आवंटन का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रदेश के 2818 डीएलएड कालेजों को यह सीटें आवंटित थी, उनमें से 2632 की सभी सीटें भर गई हैं, जबकि 186 कालेजों की सीटें खाली रह गई। इनमें आजमगढ़ के दो, बागपत 13, गाजीपुर 84, मेरठ 61, मुजफ्फर नगर की चार, सहारनपुर 15 और शामली के सात कालेज शामिल हैं। ऐसे में अब इन कालेजों को 10 नवंबर के पूर्व सीटों को भरने को लेकर मंथन शुरू हो गया है।

Posted By: Inextlive