RANCHI: दो माह पहले जन्मे उस बच्चे को क्या पता था कि जन्मजात बीमारी उससे मां-बाप का प्यार छीन लेगी। वे उस पर दुलार लुटाने के बजाय उसे छोड़ कर चले जाएंगे। दूसरी मां उसे अपनी आंचल का छांव देगी, लेकिन मंगलसूत्र बेचने के बाद भी उस मां के पास इस बच्चे के इलाज के लिए पैसे कम पड़ जाएंगे। जी हां, धुर्वा की प्रभा देवी ने एक करीबी रिश्तेदार द्वारा जन्मजात रोग से ग्रसित बेटे को ठुकराए जाने के बाद अपनाया। उसका नाम रॉयल रखा। लेकिन, बदकिस्मती ऐसी की प्रभा देवी द्वारा मंगलसूत्र बेचने के बाद भीरॉयल के इलाज में पैसे कम पड़ गए हैं। वह जीवन और मौत के बीच झूल रहा है। आज रॉयल को बचाने के लिए दुआ व दवा दोनों की जरूरत है। लेकिन, इस बेबस मां के पास अब कुछ नहीं बचा है, जिससे वह अपने जिगर के टुकड़े का इलाज करा सके।

यह है मामला

जानकारी के अनुसार, करीब दो माह पहले धनबाद सरकारी अस्पताल में रॉयल का जन्म हुआ था। बच्चे का सिर सामान्य से बड़ा है। रॉयल को हैड्रोसेफाली नामक रोग है। इस बच्चे की खबर एक न्यूज चैनल पर चली, जिसे देख कर धुर्वा में रहने वाली प्रभा देवी ने पहचान लिया कि यह उनके करीबी रिश्तेदार के परिवार से है। इसके बाद वह धनबाद के उस अस्पताल पहुंची, तो देखा कि बच्चे के परिवार वाले उसे अपनाने के बजाय अनाथालय को सौंपने जा रहे हैं। इसके बाद प्रभा देवी ने दो बेटे होने के बावजूद उसे अपनाने का फैसला लिया। बच्चे को घर लाई। बच्चे का नाम रॉयल रखा। इसके बाद इलाज के लिए अपनी सारी कमाई उस पर लुटाने लगी।

Posted By: Inextlive