- लास्ट ईयर जिला प्रशासन की सख्ती के बाद स्कूलों को आना पड़ा था बैकफुट पर

- राइट टू एजुकेशन का शिकंजा कसने के बाद स्कूलों के तेवर हुए थे ढीले, फीस बढ़ोतरी का आदेश लेना पड़ा था वापस

- फीस बढ़ोतरी के मामले में हाईकोर्ट के भी स्टे ऑर्डर को भूल बैठी हैं स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां

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KANPUR : फीस बढ़ोतरी के नाम पर पैरेंट्स की जेब काटने वाले स्कूलों पर जिला प्रशासन ने 'राइट टू एजुकेशन' का चाबुक चलाया था। इसी के बाद न सिर्फ स्कूलों को बैकफुट पर आना पड़ा था। बल्कि, विभिन्न मदों में पैरेंट्स की जानकारी के बगैर वसूली जाने वाली फीस को भी कैंसिल करना पड़ा था।

क्क् सवालों का नोटिस

लास्ट एजुकेशन सेशन में भी पब्लिक स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। मगर, तब डीएम डॉ। रोशन जैकब के हस्तक्षेप के बाद फीस बढ़ोतरी में स्कूलों की मनमानी नहीं चल पाई थी। पैरेंट्स की मदद के लिए डीएम ने आरटीई का चाबुक स्कूल प्रबंधन पर चलाया था। इसके तहत कुल क्क् बिंदुओं पर सवाल-जवाब किया गया था। नियमों की बेडि़यां देखने के बाद ही स्कूलों के तेवर ढीले पड़े थे।

हाईकोर्ट का स्टे भी

फीस के मामले में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के खिलाफ कुछ पब्लिक स्कूलों ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था। इसके तहत स्कूलों को फीस का स्ट्रक्चर यथावत रखना था। मगर, नया सेशन शुरू होने पर स्कूल हाईकोर्ट के आदेशों को भी शायद भूल बैठे हैं। इसीलिए एक बार फिर से जाने-अनजाने फीस बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।

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क्- स्कूलों की प्रबंध समिति में शिक्षा निदेशक की ओर से किसे मेम्बर नॉमिनेट किया गया है और उन्हें मैनेजिंग कमेटी की मीटिंग्स में बुलाया जाता है या नहीं?

ख्- स्कूल में कम से कम क्0 परसेंट सीट्स एससी-एसटी स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व होनी चाहिए। उनमें यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में निर्धारित फीस ही ली जाएगी। इस नियम के मुताबिक स्कूल में कितने स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया गया?

फ्- स्कूल ने कॉशन मनी, सिक्योरिटी, एडमिशन फीस, महंगाई शुल्क समेत सभी मदों में पिछले पांच सालों में कब-कब इजाफा किया? उससे पहले बोर्ड से परमीशन ली गई या नहीं?

ब्- स्कूल के टीचर्स-स्टाफ को गवर्नमेंट एडेड स्कूल्स की तर्ज पर सैलरी-वेजेज देने का नियम है। इसका पालन किया गया है या नहीं? स्कूल के सभी टीचर्स-स्टाफ की सैलरी पेमेंट की डिटेल और मोड ऑफ पेमेंट भी बताएं?

भ्- स्कूल की सभी मदों से होने वाली इनकम की डिटेल दें। नियम है कि ट्यूशन फीस, महंगाई शुल्क से स्कूल की सालाना आय में से सैलरी पेमेंट के बाद आय से ख्0 परसेंट से ज्यादा सेविंग न हो।

म्- स्कूल में स्टूडेंट्स को लाने ले जाने के लिए पैरेंट्स से कितना चार्ज किया जा रहा है? व्हेकिल में आरटीओ के मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं?

7- स्कूल की ड्रेस और किताबों के लिए रजिस्टर्ड की गई दुकानों का नाम, पता और डिटेल की जानकारी मुहैया कराएं।

8- आरटीई एक्ट के तहत कितने स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया? एक्ट के अनुसार कुल सीटों में से ख्भ् परसेंट पर गरीब बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। आपने कितना अनुपालन किया?

9- शासन की एनओसी मिलने के बाद उसकी सभी शर्तो को संस्था की सोसायटी के बायलॉज में शामिल किया गया या नहीं? इसका प्रूफ दें।

क्0- स्कूल मैनेजमेंट एनुअल लेखा-जोखा संबंधित बोर्ड को भेज रहा है या नहीं? इसका प्रूफ डिटेल समेत दें।

क्क्- स्कूल को शासन या विभाग से जिस जमीन पर एनओसी मिली है। उसके अलावा कहीं और भी स्कूल की ब्रांच चल रही है? अगर हां तो उसका पता। वह नई ब्रांच किसके आदेश से खोली गई?

Posted By: Inextlive