नसबंदी के बाद 23 महिलाओं को फर्श पर लिटाया
- चौबेपुर सीएचसी का मामला, 23 महिलाओं की हुई थी सामूहिक नसबंदी, बेड पर लिटाने की बजाय फर्श पर ही लिटा दिया
- घंटे भर में हुए 23 ऑपरेशन, सीएमओ ने कहा मिस मैनेजमेंट हुआ लापरवाही नहीं KANPUR: चौबेपुर सीएचसी में सोमवार को हुए महिलाओं के सामूहिक नसबंदी कैंप में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को फर्श पर ही लिटा दिया गया। प्रभारी अधिकारियों के नहीं होने की वजह से बेड खाली होने के बाद भी महिलाएं फर्श पर ही लेटी रही। वहीं मामले की जानकारी मीडिया को हुई तो आनन फानन में महिलाओं को बेड पर शिफ्ट कराया गया। वहीं ख्फ् महिलाओं के ऑपरेशन करने के लिए एक डॉक्टर ने सिर्फ एक घंटे का ही समय लिया। इस बात की भी खासी चर्चा रही। उधर मामले में सीएमओ ने भी मिस मैनेजमेंट की बात कही। नसबंदी कैंप के तहत हुए थे ऑपरेशनचौबेपुर में महिलाओं की नसबंदी के लिए कई दिनों से प्रचार चल रहा था। सोमवार को आशा के माध्यम से ख्फ् महिलाएं नसबंदी के ऑपरेशन के लिए चौबेपुर सीएचसी पहुंची थी। मुख्यालय से इसके लिए सर्जन डॉ। राजेश अग्रवाल को भेजा गया था। सुबह ऑपरेशन शुरू हुए। वहीं आरोप है कि सारे ऑपरेशन घंटे भर में हो गए। इसके बाद महिलाओं को सीएचसी के गलियारे में ही फर्श पर लिटा दिया गया। जबकि फ्0 बेड की सीएचसी में अधिकतर बेड खाली थे। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ। यशोवर्धन इस दौरान मौजूद नहीं थे। बाद में पता चला कि वह डीएम आफिस में मीटिंग में गए थे।
लापरवाही नहीं मिस मैनेजमेंट हुआ सीएमओ डॉ। आरपी यादव से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि आपरेशन में कोई लापरवाही नहीं हुई बस मिस मैनेजमेंट हो गया था। फर्श पर ही दरी बिछी थी, लेकिन सूचना मिलते ही फौरन सभी महिलाओं को बेड पर शिफ्ट करा दिया गया था। इसके अलावा स्टॉफ उनकी देखभाल के लिए पूरी तरह से मौजूद था।