-बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं अधिकांश स्कूल संचालक

-प्रवेश द्वारों पर तैनात नहीं सुरक्षा गार्ड, कई स्कूलों की दीवारें कोई खास बड़ी नहीं है

-इन छोटी दीवारों को कोई भी शख्स आसानी से कर स्कूल में प्रवेश कर सकता है

ROORKEE (JNN) : पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल में आतंकी हमले में क्फ्8 बच्चों की मौत की घटना के बाद भी रुड़की क्षेत्र के स्कूल संचालक नहीं जागे हैं। शहर के गिने-चुने स्कूलों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश स्कूलों के प्रवेश द्वारों पर न तो सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं और न ही स्कूल की दीवारों को इतना ऊंचा किया गया है। कोई भी संदिग्ध स्कूल में प्रवेश नहीं कर सके। उधर, सोमवार को ढंडेरा स्थित सनराइज स्कूल और बुचड़ी गेट को बम से उड़ाने का धमकी भरा पत्र मिलने से स्कूलों की सुरक्षा गंभीर विषय बन गया है।

ठोस एडवाइजरी बनाई गई थी

गत वर्ष क्म् दिसंबर को पेशावर के आर्मी स्कूल में हुई आतंकी घटना ने दुनियाभर के लोगों को हिला कर रख दिया था। इसके बाद देशभर में स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हरिद्वार जिले में भी एसएसपी स्वीटी अग्रवाल के द्वारा ख्फ् दिसंबर ख्0क्ब् को सभी शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा की दृष्टि से एक ठोस एडवाइजरी बनाई गई थी। इसके तहत सुरक्षा की दृष्टि से क्भ् बिंदुओं पर फोकस करते हुए सभी स्कूल संचालकों को अपने स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए थे।

सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना होगा

इसके बावजूद यहां स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि कुछ गिने-चुने स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश स्कूलों में प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं किए गए हैं, न ही स्कूलों में आने-जाने वाले लोगों का कोई रिकॉर्ड रखा जाता है। एसएसपी हरिद्वार स्वीटी अग्रवाल के अनुसार स्कूलों की सुरक्षा एक गंभीर मामला है। सभी स्कूल संचालकों को बनाई गई एडवाइजरी के अनुसार स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना होगा।

स्कूलों की दीवारें हैं छोटी

शहर में रामनगर रोड, ढंडेरा रेलवे स्टेशन सहित कई अन्य जगहों पर स्कूल मुख्य सड़कों के किनारे चल रहे हैं। इसके बावजूद इनकी दीवारें इतनी छोटी हैं कि कोई भी शख्स स्कूल के अंदर आसानी से प्रवेश कर सकता है। जबकि एक महीने पहले एसएसपी द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों को कैंपस की दीवार मजबूत, ऊंची और उसके चारों ओर से कटीली तारें लगाने के आदेश दिए गए थे।

स्कूलों में ये हैं खामियां

- अधिकांश स्कूलों में प्रवेश द्वारों पर नहीं है सुरक्षा गार्ड

-स्कूल में प्रवेश करने वालों का नहीं रखा जाता रिकॉर्ड

- कई स्कूलों की दीवारें बहुत छोटी, खुले में होती है प्रार्थना

- प्रवेश और निकास द्वार पर नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे

- कई स्कूलों में खराब पड़े हुए हैं कैमरे

- कई स्कूलों के पास उपलब्ध नहीं स्थानीय पुलिस नोडल अधिकारियों के फोन नंबर

फोटो-क्0,

Posted By: Inextlive