-मुठभेड़ के दौरान पुलिस के पास थे आधुनिक हथियार फिर भी उनपर भारी पड़ गए बदमाश

PATNA : पुलिस के हाथ में आधुनिक हथियार था लेकिन वह बदमाशों के देसी कट्टे के आगे फेल हो गया। फैक्ट्री मेड असलहा सिस्टम पर भारी पड़ गया। कांस्टेबल मुकेश की मौत ने बिहार पुलिस की तैयारी पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि पुलिस के हाथ कानून में जकड़े हैं या फिर बदमाशों के आगे उसका हाईटेक असलहा भी काम नहीं कर रहा है। पटना के रामकृष्णा नगर में हुई मुठभेड़ में सिपाही की मौत ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हें जिसका जवाब अफसरों के पास भी नहीं है। विभाग के एक्सपर्ट से बातचीत कर डीजे आई नेक्स्ट ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि पुलिस के पास बदमाशों पर काबू पाने का कोई प्लान नहीं होता है और यही कारण है कि पुलिस की नौ सदस्यीय टीम भी दो चार बदमाशों के आगे परास्त हो जाती है।

ट्रेनिंग के अभाव जवान लाचार

पुलिस के एक्सपर्ट बताते हैं कि पुलिस के पास आधुनिक हथियार है लेकिन समय समय पर उसकी जांच पड़ताल और जवानों को आपरेशन की सही से ट्रेनिंग नहीं दी जाती है। जवानों से लेकर पदाधिकारियों पर ड्यूटी का बोझ रहता है। इस बोझ के कारण वह असलहे की ट्रेनिंग से लेकर अन्य अपडेट संसाधानों से वाकिफ नहीं हो पाते हैं। पुलिस विभाग से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि पुलिस के सामने एक दो नहीं कई बड़ी चुनौतियां होती है। बदमाशों की फायरिंग में एक सिपाही शहीद हो गया कोई बड़ा मुद्दा नहीं बना लेकिन अगर पुलिस की गोली से एक निर्दोष की जान चली जाती तो बड़ा मामला बन जाता है। पूर्व में कई एनकाउंटर में भी पुलिस पर सवाल खड़ा हो गए और मरने वाले के कुख्यात होने के बाद भी पुलिस के खिलाफ जांच और विभागीय कार्रवाई की नौबत आई। ऐसे मामलों को लेकर पुलिस फायरिंग से भी डरती है। सोमवार को मुकेश घटना स्थल पर आधुनिक हथियार के साथ और स्पोर्ट में कई पुलिस वाले थे इसके बाद भी कट्टे की गोली ने उसकी जान ले ली।

अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक टीम गठित की गई है। शहर में कितने गिरोह सक्रिय है। इसकी एक सूची तैयार कर रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

-राजेश कुमार, डीआईजी पटना

Posted By: Inextlive