-इस बरसात फिर एनएमसीएच परिसर डूबने की ¨चता बढ़ी

इलाज होगा प्रभावित

PATNA: मानसून की पहली बारिश में ही नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पानी पहुंच गया है। इसे लेकर अस्पताल प्रशासन की ¨चता बढ़ गयी है। शनिवार को हुई मानसून की पहली बारिश का पानी अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर गया। डॉक्टर, नर्स, मरीज व परिजन वार्ड में भरे पानी से होकर ही आते-जाते रहे। इलाज प्रभावित हो गया। अधीक्षक डॉ। चंद्रशेखर ने बताया कि संप हाउस का पंप चला कर वार्ड में घुसे पानी को बाहर निकाला गया। जाम हुए नाला को साफ कराया जा रहा है।

विभाग पूरे साल सोया रहा। अस्पताल की टूटी चहारदीवारी से सैदपुर-रामपुर नाला का पानी अस्पताल में प्रवेश करना और परिसर स्थित संप हाउस तक पहुंचना जारी है। एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ। विजय गुप्ता एवं अधीक्षक डॉ। चंद्रशेखर ने बताया कि अस्पताल को बरसात में डूबने से बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है। पिछले दिनों इस पर गंभीर बातचीत हुई।

सैदपुर-रामपुर नाले का पानी

एनएमसीएच के पश्चिम में अस्पताल की चहारदीवारी नीचे से टूटी है। इस दीवार के बगल से गुजरे सैदपुर-रामपुर नाले का पानी अस्पताल में प्रवेश कर रहा है। इस नाला से राजधानी के हजारों नालों का पानी बहकर अस्पताल के पीछे से होते हुए जल्ला तक पहुंचता है। अभी नाला में जलस्तर नीचा है। बरसात में नाला का जलस्तर बढ़ते ही पानी तेजी से अस्पताल में टूटी दीवार से प्रवेश कर जाता है। अधीक्षक कार्यालय के पीछे स्थित तालाब भी नाला के पानी से उबल जाता है। यही पानी मेडिसिन विभाग को डुबोते हुए अस्पताल परिसर में फैल जाता है। अस्पताल स्थित संप हाउस में भी यह पानी अत्यधिक भर जाता है। इसे निकाल पाने में संप हाउस नाकाम साबित होता है। संप हाउस एवं टूटी दीवार के निर्माण की आवश्यकता है ताकि पानी को अस्पताल में आने से रोका जा सके।

पिछले वर्ष तैरने लगी थीं मछलियां

पिछले वर्ष बारिश में जलमग्न मेडिसिन विभाग में मछलियां तैरने लगी थीं। यहां की चिकित्सा व्यवस्था एवं सेवा ठप हो गयी थी। यह समस्या राष्ट्रीय खबर बन गयी थी। आइसीयू और वार्ड में पानी भरने से मरीजों को आइसीसीयू में शिफ्ट किया गया था। सभी उपकरणों को बेड पर रखा गया था।

Posted By: Inextlive