-चारों ने अमित से जेल में की थी चार बार मुलाकात

-इन सभी को खोज रही हैं सैकड़ों सतर्क निगाहें

-फरारी की घटना के बाद से चारों हैं लापता

BAGPAT (JNN) : सुनील राठी गैंग के शार्प शूटर और शातिर अपराधी अमित उर्फ भूरा की फरारी से चार राज्यों में हड़कंप मचा है। पुलिस और विभिन्न जांच एजेंसियों की जहां धड़कनें तेज हो गयी हैं, वहीं महकमा के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें खिंच गई हैं। अमित और उसके फरार साथियों के सुराग को अन्य साथियों और नाते-रिश्तेदारों से गहन पड़ताल और उन पर सतर्क निगाह तो रखी ही जा रही है, उसके जेल में बंद होने के समय जिन तीन दोस्तों और भाई ने चार मुलाकातें की थीं, वे सभी जांच एजेंसियों के राडार पर हैं। इन तीनों पर सैकड़ों सतर्क निगाहें लगी हुई हैं और उनकी खोजबीन जारी है।

गहरा गया है शक

पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि शातिर अपराधियों के इतिहास को देखें तो वह अपनी योजना को जेल में ही बनाते हैं। चाहे वह चीनू पंडित के मारने की बात हो या फिर टीकरी के पूर्व चेयरमैन को सबक सिखाने की बात। यह सारी योजनाएं जेल में भी बनायी गयीं। संभव है, अमित के फरारी की योजना में उसके साथियों के साथ जेल में मिलने गए भाई विनीत और तीन दोस्तों विकास, समरपाल व अजीत भी शामिल हों या फिर उन्हें भी इस योजना की कुछ जानकारी हो। क्योंकि वे सभी इस घटना के बाद से लापता हैं। इससे पुलिस और जांच एजेंसियों का शक उन पर गहरा गया है।

दून जेल आए थे मिलने

सूत्रों ने बताया कि दो माह पूर्व क्म् अक्टूबर को अमित का भाई विनीत पुत्र यशपाल मलिक व समरपाल पुत्र सोहन सिंह उससे मिलने गया था। इससे पहले भी 9 अक्टूबर को विनीत अपने दोस्त विकास के साथ भाई से मिलने गया था। इसके बाद ख्क् नवंबर को उसका मित्र विकास पुत्र पवन सिंह व अजीत पुत्र हरपाल अमित से मिलने देहरादून जेल गए थे। फ्0 नवंबर को फिर उसका भाई विनीत अकेले मिलने गया था। इससे कहीं न कहीं पुलिस को यकीन है कि अमित के भाई और उसके तीन दोस्तों की चौकड़ी को इस फरारी का कुछ न कुछ राज जरूर पता है।

दो महीने पहले मिले थे

इसका कारण यह भी है कि विनीत और समरपाल की अमित से जेल में मुलाकात की तारीख के मंगलवार को ही ठीक दो महीना पूरा हो रहा है। यानी अमित की फरारी की योजना को बागपत पेशी पर लाने के समय अंजाम देना था। शायद इसकी उसके साथियों ने जोरदार तैयारी भी कर रखी थी लेकिन इस पेशी की तारीख एक दिन पहले हो गयी, इसलिए अमित के साथियों ने अपनी योजना के मुताबिक फरारी की योजना को क्भ् दिसंबर को ही अमलीजामा पहना दिया। इसके कारण पुलिस और जांच एजेंसियों को अमित उर्फ भूरा के भाई और उसके तीन दोस्तों की सरगर्मी से तलाश है।

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यह सही है कि अमित के आसपास के लोगों से पुलिस को कुछ न कुछ सुराग मिल सकता है। खासकर जो लोग उससे जेल में मिलने वाले हैं। वह इन लोगों के नामों को तो नहीं बता सकते हैं, लेकिन कुछ लोग हैं,जो भूरा से तीन महीने से मिल रहे थे,उनकी खोजबीन को पुलिस और जांच एजेंसियां लगी हुई हैं।

-जेके शाही, एसपी बागपत।

Posted By: Inextlive