-इविवि ने हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के साथ किया करार, इलाज में होगा मददगार

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PRAYAGRAJ: देश में गंभीर रोगों का इलाज अब आसानी से होगा. इस दिशा में प्रयागराज की धरती से अहम कदम उठाया गया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद जर्मनी स्थित हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बिग डेटा पर बड़ा रिसर्च करने जा रही है. इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डेवलप करके बीमारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है. इससे दोनों देशों को भविष्य में बेहतरीन परिणाम हासिल होंगे. दोनो ही देशों ने ओएमयू साइन कर लिया है. इसके लिए हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डीटर हैरमन और जर्मन हाउस साउथ एशिया हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी में भारत के प्रमुख डॉ. सुबूर बख्त इविवि पहुंचे थे. यहां उन्होंने इविवि की ओर से ओएमयू साइन किया.

बिग डेटा होगा हेल्पफुल

-दोनों देश मिलकर बिग डेटा तैयार करेंगे. इसमें दोनों देशों के डेटा शामिल होंगे.

-इसको स्टोर करके रिसर्च के परपज से यूज किया जाएगा.

-इस डेटा से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तैयार होगा.

-कम्प्यूटर एनालिस्ट, मैथमेटिशियन, केमिस्ट, बायोफिजिसिस्ट के साथ मिलकर काम होगा.

-यह भविष्य में बड़ी बीमारियों को अर्ली स्टेज में ही डायग्नोस कर लेगा.

-जल्दी डायग्नोसिस होने से इस पर काबू पाने में हेल्प मिलेगी.

-इनमें कैंसर, डायबिटीज, एचआईवी, ट्यूमर आदि शामिल होंगे.

यह होगा बेनेफिट

-इस ज्वॉइंट रिसर्च में दोनों देशों के विज्ञानी एक दूसरे के इंस्टीट्यूशंस में आकर काम करेंगे.

-इस करार के जरिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 10 शोध छात्र इस साल जर्मनी जाएंगे.

-जिन छात्रों को जर्मनी भेजा जाएगा वे वहां के रिसर्च कल्चर के बारे में जानेंगे और वापस लौटकर विवि में खुद रिसर्च करेंगे.

कैंसर के मामले में बेस्ट

हाइडेलबर्ग बायोलॉजिकल एंड मेडिकल में रिसर्च के लिए फेमस है. वहां कैंसर का सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है. इसके अलावा ब्रॉड लेवल का ट्यूमर सेंटर भी है.

यह कर रही है हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी

प्रो. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी यह पता लगा रही है कि जैसे मानव का दिमाग काम करता है. वैसे ही कम्प्यूटर चिप कैसे मानव के मस्तिष्क की तरह सोच सकता है?

सभी रिप्रजेंटेटिव्स पहुंचे

इसकी जानकारी के लिए इविवि के नार्थ हाल में सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. इसमें बताया गया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में कुल छह भारतीय संस्थान मिलकर रिसर्च पर काम करेंगे. इनमें जेएनयू, दिल्ली विवि, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी एवं आईआईटी मद्रास शामिल है. इन सभी जगहों के प्रतिनिधि सोमवार को नार्थ हॉल पहुंचे थे. इनमें प्रो. बिफला, प्रो. शलभ, प्रो. कार्तिक, प्रो. रमन और इविवि से रिसर्च के समन्वयक प्रो. रमेन्द्र सिंह ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी.

Posted By: Vijay Pandey