DEHRADUN: धन्य है राजधानी पुलिस और धन्य हैं जांचकर्ता. जिसे कैबीनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के आवास पर हुई गोलीबारी की घटना का तो पता है लेकिन गोलीबारी में घायल कौन हुआ उसका नाम पता नहीं? यह बात समझ में आती है कि गोलीबारी का आरोपी अज्ञात है लेकिन फिर पुलिस को कैसे पता कि आरोपी ने उतावलेपन या खुशी में गोली चलाई है? इस तरह के तमाम सवाल हैं जो राजधानी की काबिल पुलिस को कटघरे में खड़े करने के लिए काफी है. इसे सत्ता की हनक का खौफ ही कहेंगे कि खादी के दबाव में खाकी ने जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें साफ कहा गया है कि अज्ञात ने अज्ञात को गोली मारी है.

गोलीबारी में घायल थे दो लोग

दरअसल, 17 नवंबर को कैबीनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने यमुना कॉलोनी स्थित अपने आवास पर डिनर पार्टी का आयोजन किया था। इसमें रात के करीब नौ बजे गोलियां चलने की आवाज सुनाई देती है। गोलीबारी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेकानंद खंडूरी गंभीर रूप से घायल होते हैं। इतना ही नहीं एक अन्य कार्यकर्ता रविन्द्र सैनी की कनपटी से भी गोली छूककर निकलती है। दोनों का इलाज होता है। विवेकानंद अब भी सीएमआई में भर्ती हैं, लेकिन दून पुलिस ने जो रिपोर्ट दर्ज की है वह हैरान करने वाली है।

अजब गजब पुलिस की रिपोर्ट

असल में, पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट में यह तो स्वीकार किया है कि हरक सिंह रावत के घर पर फायरिंग हुई है, लेकिन यह फायर किसने की है उसका नाम अज्ञात में दर्शाया गया है। मजेदार बात यह है जब फायर करने वाले का नाम पुलिस को पता नहीं है तो फिर उसे कैसे पता चला कि आरोपी ने उतावलेपन में आकर फायर की है। इतना ही नहीं, जब पुलिस यह स्वीकार कर रही है कि गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हुआ है, तो उसे घायल का नाम कैसे पता नहीं है?

तो क्यों गए सीएमआई

गोलीबारी में घायल जिस व्यक्ति से मिलने प्रदेश के मुखिया विजय बहुगुणा समेत तमाम वरिष्ठ नेता सीएमआई पहुंचे उसका नाम तक दून पुलिस को नहीं पता। हद तो यह है कि जब पुलिस को यह बात पता नहीं कि घटना में घायल विवेकानंद खडूड़ी हुए तो वह क्यों सीएमआई अस्पताल में उपचार करा रहे विवेकानंद खंडूरी से पूछताछ करने के साथ उन्हें सुरक्षा मुहैया करवा रही है।

Posted By: Inextlive