क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रांची में हर दिन पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता जा रहा है, लेकिन पॉल्यूशन कंट्रोल करने वाले जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने झारखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक एक्शन प्लान बताएं कि राज्य में वायु प्रदूषण कैसे रोकेंगे. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की क्या तैयारी है. एक्शन प्लान नहीं देने पर एन्वायरमेंटल कंपनसेशन के तहत झारखंड को एक करोड़ रुपए जुर्माना देना होगा. ऐसे निर्देश झारखंड समेत अन्य पांच राज्यों को भी दिए गए हैं.

एक्शन प्लान नहीं तो 25 लाख जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने झारखंड को यह भी निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक वायु प्रदूषण रोकने की कार्ययोजना बनाकर एनजीटी को सौंप दें. इस बीच अगर इस कार्य योजना में किसी भी तरह की कमी हो तो उसे दूर कर लिया जाना चाहिए. अगर 30 अप्रैल तक एक्शन प्लान सही तरीके से जमा नहीं किया गया तो 25 लाख रुपए जुर्माना देना होगा.

कितना और कहां खर्च होगा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने झारखंड को यह भी निर्देश दिया है कि एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए जो एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. उसमें यह भी डिटेल होना चाहिए कि एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने पर सरकार कितना पैसा खर्च करेगी और कहां खर्च करेगी. इस एक्शन प्लान में बजटीय प्रावधान भी होना जरूरी है.

झारखंड में 26486 मौतें

दी लैंसेट प्लैनेट्री हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 12.4 लाख लोगों की मौत हुई, जो 70 वर्ष से कम उम्र के थे. इसमें झारखंड में 26486 मौतें शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों की औसत आयु करीब 1.7 वर्ष घट गई है. विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश हैं, जहां सबसे ज्यादा पीएम 2.5 लेवल होता है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha