ट्रेन में धक्का खाने की मजबूरी खत्म
पैसेंजर्स बोले, पटना-लखनऊ जाने के लिए बेहतरीन सुविधा
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इलाहाबाद एयरपोर्ट से गुरुवार को लखनऊ और पटना के लिए शुरू हुए हवाई सफर को लेकर पैसेंजर्स में जबर्दस्त उत्साह रहा। पैसेंजर्स बेबाकी से बोले, ट्रेन में धक्का खाने की मजबूरी का अब विकल्प मिल गया। तत्काल में ट्रेन के एसी-2 और फ्लाइट का बेस फेयर लगभग सेम है। थोड़ा ज्यादा है तो उसे एफोर्ड किया जा सकता है क्योंकि टाइम सेविंग हो रही है।
शिखा, आसाम, पैसेंजरट्रेन का सफर मजबूरी में करना पड़ता है। जेट एयरवेज ने तो आलमोस्ट ट्रेन के किराए में हवाई सफर करने का मौका दिया है। इस मौके का फायदा उठा रही हूं।
नीरू, पैसेंजर
संगम नगरी के लिए गर्व की बात है कि यहां से छोटे शहरों के लिए हवाई सफर की शुरुआत हो गयी। वह भी बजट में है। इससे कुंभ मेले के दौरान पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।
मनु योगेश्वर, पैसेंजर
लखनऊ के लिए फ्लाइट की शुरुआत होने से हम बहुत खुश हैं, इस खुशी को बयां नहीं कर सकते हैं। क्योंकि, इसी तरह की सुविधाएं इलाहाबाद को स्मार्ट बनाएंगी।
अनवर नियाज, ममफोर्डगंज, पैसेंजर
नाहिद फातिमा, पैसेंजरबिजनेस के सिलसिले में अक्सर पटना आना-जाना होता है। ट्रेन के सफर में काफी टाइम वेस्ट होता है। गुरुवार को बस 45 मिनट में पटना से इलाहाबाद आ गया। घंटों का सफर मिनटों में सिमट गया।
विलास गर्ग, बिजनेसमैन, पैसेंजरफ्लाइट से पटना का सफर महंगा नहीं बल्कि ट्रेन के बराबर है। जितना किराया एसी-2 टिकट का लगता है, करीब उतना ही जेट एयरवेज ने फ्लाइट का टिकट निर्धारित किया है।
विद्या, पैसेंजरवर्ल्ड बैंक से जुड़ कर काम करने के कारण अक्सर पटना आना-जाना होता है। 45 मिनट का ये सफर काफी बेहतर है। मैने तो अगले तीन-चार महीने के लिए अभी से पटना के टिकट की बुकिंग करा ली है।
शशिकृष्ण पांडेय, पैसेंजरकुछ दिनों पहले संगम दर्शन का प्लान बनाया था। ट्रेन से आना था, फ्लाइट का पता चला तो ट्रेन का टिकट कैंसिल कराकर आ गया। फ्लाइट की सेवा शुरू होने से कुंभ के दौरान काफी सुविधा रहेगी।
आरके सिन्हा, पैसेंजर
राजधानी हो या मेल-एक्सप्रेस पटना से इलाहाबाद आने में छह से नौ घंटे का समय लग जाता है। फ्लाइट ने इस समय को 45 मिनट में समेट दिया।
दिव्या, पैसेंजर
राजू पाठक, पैसेंजर